KNEWS DESK- इस बार सावन के महीने में पांच सोमवार होने से यह माह श्रद्धालुओं के लिए खास हो गया है| सावन का आखिरी सोमवार 19 अगस्त को है| एक तरफ जहां सावन के आखिरी सोमवार को लेकर शिव भक्तों में जबरदस्त उत्साह और भक्ति का माहौल देखा जा रहा है वहीं दूसरी तरफ पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली के दीनदयाल नगर में सावन के आखिरी सोमवार की पूर्व संध्या पर बर्फ से निर्मित विशाल और अनोखा शिवलिंग श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है|
चंदौली के प्रमुख शहर पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में पिछले 30 सालों से लगातार सावन के आखिरी सोमवार की पूर्व संध्या पर बर्फ से बाबा बर्फानी की अनुकृति बनाई जा रही है। इसके दर्शन के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर दराज के लोग भी आते हैं। यहां पर सावन के आखिरी सोमवार की पूर्व संध्या पर आयोजक न सिर्फ बर्फ की सिल्लीयों को जोड़कर शिवलिंग बनाते हैं। बल्कि नंदी भगवान और अरघा भी बर्फ से ही बनाये जाते हैं।
बर्फ की सिल्लियों को एक के ऊपर एक रखकर जमाया जाता है और उसके बाद उसे शिवलिंग की आकृति दी जाती है। इसी तरह बर्फ की सिल्ली को तराश कर नंदी भगवान भी बनाए जाते हैं। बर्फ के शिवलिंग के निर्माण के बाद फूल पत्तियों और मालाओं से बाकायदा इनका शृंगार भी किया जाता है। आयोजकों का कहना है कि इस पूरी अनुकृति को बनाने में इस बार कुल 51 बर्फ की सिल्लियों का इस्तेमाल किया गया है। इसको तैयार करने में तकरीबन 10 घंटे का समय लगा है।
आयोजक समिति के सदस्य रमेश सिंह चौहान बताते हैं कि यहां चंदौली जिले के कई लोग दर्शन करने के लिए आते हैं| साथ ही भक्तगण इस रास्ते से होकर वाराणसी बाबा विश्वनाथ को जलाभिषेक करने वाराणसी जाने वाले कावरिया भक्त भी यहां रुकते हैं और बर्फ से बने भगवान शिव का दर्शन लाभ लेते हैं| लोगों की आस्था ऐसी है कि कुछ लोग इसे बिल्कुल अनोखा मानते हैं|
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