झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में मरने वाले नवजात शिशुओं की संख्या 15 तक पहुंची, तीन और बच्चों की हुई मौत

KNEWS DESK – झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात हुए भीषण अग्निकांड में बचाए गए 39 बच्चों में से बुधवार शाम तक तीन और बच्चों की मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या 15 तक पहुंच गई है। इस घटना में पहले दम घुटने और झुलसने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी, जबकि बाद में गंभीर बीमारियों से ग्रस्त पांच बच्चों की जान भी चली गई।

दरअसल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, डॉक्टर नरेंद्र सिंह सेंगर ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार रात से लेकर बुधवार शाम तक तीन बच्चों की मौत हुई। इन बच्चों में से एक का जन्म केवल 800 ग्राम वजन के साथ हुआ था, जबकि दूसरे बच्चे के दिल में छेद था।

शुक्रवार की रात लगी थी भीषण आग

यह दर्दनाक हादसा शुक्रवार रात हुआ, जब महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में भीषण आग लग गई थी। आग इतनी भयंकर थी कि खिड़कियां और दरवाजे तोड़कर सेना और पुलिस के जवानों ने किसी तरह बच्चों को बचाने की कोशिश की, लेकिन इस घटना में पहले 10 बच्चों की जान चली गई। आग के बाद पुलिस, सेना और अग्निशमन विभाग ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। कई बच्चों को सुरक्षित निकाला गया, लेकिन आग के लपटों में झुलसने और दम घुटने से कई मासूमों की जान चली गई।

झांसी मेडिकल कालेज हादसे में 3 और बच्चों की मौत, अब तक कुल 15 मासूमों की गई  जान - uttar pradesh jhansi medical college fire accident children death ntc  - AajTak

मुख्यमंत्री ने की मुआवजे की घोषणा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हृदयविदारक घटना का संज्ञान लेते हुए मृतक बच्चों के परिजनों को पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया। इसके साथ ही, घायल बच्चों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। झांसी के जिलाधिकारी, अविनाश कुमार ने जानकारी दी कि 10 में से 9 बच्चों के परिजनों के खातों में धनराशि भेज दी गई है।

जांच की प्रक्रिया शुरू

घटना के बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मेडिकल कॉलेज का दौरा किया और मृत बच्चों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने इसे बेहद दुखद घटना बताते हुए कहा कि सरकार मृतकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए परिजनों के साथ मिलकर प्रयास कर रही है।

डीप्टी सीएम ने इस मामले में तीन स्तरों पर जांच के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग इस घटना की प्रशासनिक जांच करेगा, जबकि पुलिस प्रशासन और अग्निशमन विभाग भी अलग-अलग जांच करेंगे। इसके अलावा, इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच भी की जाएगी।

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