उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, ऊर्जा प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी और स्मार्ट प्री-पेड मीटर को लेकर जनता के साथ ही जनप्रतिनिधियों का विरोध भी सामने आने लगा है। ऊर्जा निगम की ओर से हर माह बिजली के बिल बनवाए जा रहे हैं, साथ ही निगम की ओर से प्री-पेड मीटर भी घरों में लगवाए जा रहे हैं। जिसका लोग विरोध कर रहे हैं, ऐसा ही एक प्रकरण सामने आया है ऊधमसिंह नगर के किच्छा विधानसभा क्षेत्र से जिसमें लोगों के घरों में एक कंपनी की टीम प्री-पेड मीटर लगवाने पहुंची तो लोगों ने विरोध किया। इसकी सूचना विधायक तिलकराज बेहड़ को मिली तो वह मौके पर आए और प्री-पेड मीटर पटक-कर सड़क पर ही फोड़ने लगे। उनका कहना है कि कोई भी गरीब व्यक्ति प्री-पेड मीटर नहीं लगवाना चाहता है। कंपनी की ओर से प्रीपेड मीटर न लगाने में पर 10 हजार का जुर्माना और तरह-तरह की धमकी दिए जाने की बात पूर्व मंत्री और विधायक किच्छा ने कही। विधायक और स्थानीय लोगों के विरोध के बाद कंपनी के कर्मचारी वहां से बैरंग लौट गए। कहीं न कहीं आम आदमी में बिजली की बढ़ती दरों को लेकर आक्रोश है। प्रदेश में इतने हाइड्रो प्रोजेक्ट होने के बाद भी ऊर्जा प्रदेश कहे जाने वाले उत्तराखंड में बिजली की दरें हर साल बढ़ती जा रही है।
उत्तराखंड में प्री-पेड मीटर और बिजली की महंगी दरों को लेकर प्रदेश में लोगों में आक्रोश है। इस साल भी ऊर्जा निगम की ओर से 12 फीसदी बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को सौंपा गया है। इसके लिए हालांकि जन सुनवाई की तारीखें भी उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की ओर से दी गई हैं, लेकिन लोगों में बिजली दरों की वृद्धि को लेकर आक्रोश है। भाजपा इसे दुर्भाग्यपूर्ण बता रही है और चुनाव में लगातार हारती कांग्रेस के नेता बौखला रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के अनुसार लगातार प्री-पेड मीटरों का विरोध किया जा रहा है। प्रदेश का जंगल-जमीन होने के बाद भी मात्र 12 फीसदी बिजली का हिस्सा उत्तराखंड दिया जा रहा है।
गंगा-यमुना समेत कई नदियों के प्रदेश उत्तराखंड में दर्जनों छोटे-बड़े हाईड्रो प्रोजेक्ट हैं। करोड़ों रुपये की बिजली का उत्पादन उत्तराखंड की जल, जंगल और जमीन पर लगे हाइड्रो प्रोजेक्ट से हो रही है, लेकिन इसी प्रदेश को ही महंगी बिजली दरों पर मिल रही है। हर साल बिजली की दरों में ऊर्जा निगम की ओर से की जाती है। इस बार भी उत्तराखंड में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को सौंपा गया है। वहीं, हर घर में प्रीपेड मीटर लगाने की योजना भी धरातल पर लाई जा रही है, लेकिन लोग इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं। ऊधम सिंह नगर के किच्छा से ऐसी विरोध की तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें साफ तौर पर विधायक का गुस्सा प्री-पेड मीटर को लेकर देखा जा सकता है। दूसरी ओर ऊर्जा निगम के अधिकारी ऐसे किसी मामले की सूचना न होने की बात कह रहे हैं। उक्रांद के साथ कांग्रेस पार्टी पहले से प्री-पेड मीटरों का विरोध कर रही है।
ऊर्जा प्रदेश उत्तराखंड के लोग महंगी बिजली दरों से पहले ही परेशान हैं, वहीं अब सुनियोजित तरीके से ऊर्जा निगम की सप्लाई को भी निजी हाथों में सौंपने की गुपचुप तैयारी चल रही है। प्रीपेड मीटर को लोग इसी रूप में देख रहे हैं। लोग जगह-जगह इसका विरोध कर रहे है। दूसरी ओर प्रदेश में लगातार बढ़ रही बिजली दरों के खिलाफ भी लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न इलाकों में लोग बढ़ती बिजली दरों के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे हैं। जनता के साथ अब माननीय भी इसके विरोध में आ गए हैं। किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ के अनुसार वह अपनी विधानसभा में एक भी प्री-पेड मीटर नहीं लगने देंगे चाहे उन्हें इसके लिए किसी भी हद तक जाना पड़े। देखना होगा कि सरकार किस तरह प्रदेश के लोगों को हो रही दिक्कतों का किस तरह समाधान करती है।