KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में पुलिस का थर्ड डिग्री टॉर्चर और बर्बरता से पिटाई का मामला सामने आया है। बस्ती के दुबौलिया थाने में मारपीट के मामले में पूछताछ के लिए बुलाए गए छात्र को पुलिस कर्मियों ने इतनी बर्बरता के साथ मारा की उसकी मौत हो गई। पहले तो पुलिस मामले को दबाए रखी पर जब भाजपा और सपा ने संयुक्त होकर न्याय के लिए धरना प्रदर्शन किया तो पुलिस बैकफुट में आ गई। मामले के दोषी इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया गया जबकि दरोगा और सिपाही को निलंबित कर दिया गया।
दुबौलिया थाना अंतर्गत रहने वाले आदर्श जायसवाल (17) को पुलिस ने मारपीट में शामिल होने के आरोप में घर से उठाया था। आदर्श को थाने ले जाकर जमकर पिटाई की। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बेटे को छोड़ने के एवज में 5 हजार रूपए की डिमांड की थी। परिजनों ने पैसे देने में असमर्थता जताई तो पुलिसकर्मियों ने आदर्श के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट की। जब आदर्श की हालत बिगड़ने लगी तो पुलिस कर्मी उसे घर में छोड़कर भाग गए। घर आये आदर्श को उल्टी होने के साथ हालत गंभीर होती चली गई और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में आदर्श की मौत हो गई।

आदर्श की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों को न्याय दिलाने के लिए बीजेपी विधायक अजय सिंह, पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह, राज्य मंत्री महेश शुक्ला, जिला अध्यक्ष विवेकानंद मिश्रा और सपा के दो विधायक महेंद्र नाथ यादव और कविंद्र चौधरी समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पोस्टमार्टम हाउस और डीएम आवास का घेराव किया। लोगों के बढ़ते आक्रोश और घेराव से पुलिस बैकफुट में आ गई। आनन-फानन में दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर जितेन्द्र सिंह, दरोगा अजय कुमार गौड़ व सिपाही शिवम सिंह को निलंबित करते हुए जांच कमेटी गठित कर दी गई।