EKRAR KHAN- गाजीपुर में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद की संवैधानिक अधिकार यात्रा का कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह स्वागत किया। निषाद ने बताया कि वे पिछले 116 दिनों से यह यात्रा कर रहे हैं।अब सिर्फ वाराणसी और प्रयागराज मंडल बचे हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके समाज के कुछ लोगों को ओबीसी में शामिल कर दिया गया। बरेली के मौलाना द्वारा छावा फिल्म को नागपुर दंगे का कारण बताए जाने पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी। निषाद ने कहा कि मौलाना विकास की बात नहीं करते। उन्होंने आरोप लगाया कि मौलाना मुस्लिम समाज को राजनीतिक दलों के झंडों के पीछे लगाते हैं।
संजय निषाद ने मौलाना से मुस्लिम समुदाय की गरीबी का कारण पूछा।
उन्होंने मसूद गाजी और औरंगजेब जैसे व्यक्तियों के नाम पर मेले लगाने की आलोचना की। निषाद ने कहा कि इस तरह के मेले युवाओं को गलत दिशा में ले जाते हैं।उन्होंने मुस्लिम युवाओं के लिए शिक्षा पर जोर दिया और कहा कि वे चाहते हैं कि मुस्लिम बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनें। निषाद ने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह के मेलों से समाज में विभाजन पैदा होता है।मंत्री संजय निषाद ने मुस्लिम समुदाय की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मुसलमानों की स्थिति एससी-एसटी से भी खराब है।
निषाद ने देश के विभाजन का जिक्र करते हुए कहा कि 1947 में धर्म के आधार पर देश का बंटवारा हुआ। कुछ लोग बांग्लादेश और पाकिस्तान चले गए, जबकि भारतीय यहीं रहे। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस्लाम धर्म और आक्रांता अलग-अलग हैं।
मंत्री ने कहा कि जो भारतीय संस्कृति को नहीं मानता और भारत का खाकर पाकिस्तान का गुणगान करता है, वह स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन्हें भारतीय संस्कृति पसंद नहीं है, वे देश छोड़ सकते हैं। साथ ही आश्वासन दिया कि पासपोर्ट बनवाने में वे प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी से मदद लेंगे।
पुलिस व्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए निषाद ने कहा कि कभी-कभी रक्षक भक्षक बन जाता है। उन्होंने कहा कि युवाओं का करियर खराब करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। निषाद ने कुछ अधिकारियों पर राजनीतिक प्रभाव का आरोप भी लगाया।अंत में उन्होंने PDA की व्याख्या करते हुए बताया कि इसका अर्थ है – पीड़ित, दलित और अपमानित। उन्होंने कहा कि जो लोग पहले पीड़ित थे, वे अब प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के साथ हैं।