KNEWSDESK- राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान का अंतरराष्ट्रीय जाट संसद बिरादरी के मंच से एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग की। इस मांग को उठाने के बाद जाट आरक्षण की मांग पीछे छूट गयी। उन्होंने प्रदेश को दो भागों में बांटने का यह प्लान सामने रखा। मेरठ इसकी राजधानी होगी.. ये कहना है डॉ संजीव बालियान का , आपको बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासकर देहात की राजनीति जाटों के इर्द-गिर्द ही चलती है। ऐसे में ये राजनीतिक फायदा उठाने के लिए बयान दिया गया है। संजीव बालियान ने बताया कि सर्वसमाज इसके लिए आगे आए तो मैं उनके साथ हूं । क्योंकि हमारे यहां एम्स नहीं है, आईआईटी नहीं है ,हाईकोर्ट की बेंच नहीं है।
आपको बता दें कि राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान ने बताया कि अलग प्रदेश मेरी निजी राय है, वैसे जनता भी कई सालों से यह मांग करती आ रही है । सर्वसमाज इसके लिए आगे आए तो मैं उनके साथ हूं । क्योंकि हमारे यहां एम्स नहीं है, आईआईटी नहींं है हाई कोर्ट की बेंच नहीं है। न्याय , शिक्षा और चिकित्सा अच्छी मिले , इसके लिए अलग प्रदेश जरुरी है। इससे क्षेत्र का और अधिक विकास होगा।
जाट आरक्षण की मांग को लेकर अब बिजनौर में सम्मेलन
आपको बता दें कि प्रताप चौधरी ने कहा कि केंद्रीय सेवाओं में जाट आरक्षण की मांग को लेकर अब बिजनौर में सम्मेलन किया जाएगा । उन्होंने फोन पर बात करते हुए बताया कि आने वाली 15 अक्टूबर को बिजनौर , 25 को अलीगढ़ और 27 को आगरा में सम्मेलन होगा । इस दौरान समाज की और से आरक्षण को उठाया जाएगा । लगातार मांग के बावजूद उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है। अब बड़े आंदोलन की तैयारी है। उन्होंने कहा कि बिजनौर समेत सभी तीनों जिलों में उत्तर प्रदेश , हरियाणा , राजस्थान , दिल्ली समेत कई राज्यों से लोग शामिल होंगे।
मेरठ में पहले हो चुका है सम्मेलन
आपको बता दें कि मेरठ में 24 सितंबर को जाट अधिवेशन हुआ था। इस सम्मेलन के जवाब में अंतरराष्ट्रीय जाट संसद हुई। इसमें डॉ संजीव बालियान ने अलग प्रदेश के मुद्दे को उठाया। राजनीतिक के जानकारों का मानना है कि सपा नहीं चाहती कि अलग प्रदेश बने इसी को देखते हुए अलग प्रदेश की मांग की गई । क्योंकि जयंत इस पर बात करें, सपा इसको लेकर असहज महसूस करती आई है।