उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट। राजधानी देहरादून में रविवार को आयोजित प्रथम अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन किया गया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर आज 17 देशों में रहने वाले उत्तराखंडी एक साथ जुटे सम्मेलन में उत्तराखंड में निवेश की संभावना, हॉस्पिटैलिटी-वेलनेस, कौशल विकास, विदेश में रोजगार और उच्च शिक्षा के साथ ही उद्यान जड़ी-बूटी में संभावना विषय पर पैनल डिस्कशन भी किया गया ।बताते चलें दिसंबर 2023 में आयोजित इन्वेस्टर समिट से पहले धामी विदेश दौरे पर गए थे। जहां प्रवासियों ने उनका उत्तराखंड की रीति परंपरा से स्वागत किया था । इस दौरान तमाम सफल लोगों की सीएम से मुलाकात भी हुई थी । इसी के बाद सीएम ने ऐसे प्रवासियों के अनुभव का लाभ लेने के लिए, शासन में प्रवासी उत्तराखंडी सेल गठित करने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन भी आयोजित करने के निर्देश दिए थे सरकार का मानना है कि देश-विदेश में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडी राज्य में गांव गोद लेने में भी उत्साह दिखा रहे हैं जिसमें अब तक कई गांव को प्रवासियों ने गोद भी लिया है यही मुहिम और बेहतर करने का प्रयास सरकार कर रही है लेकिन विपक्ष का मानना है भाजपा सरकार के कार्यकाल में लगातार हो रहे पलायन साथ ही रोजगार, शिक्षा,संबंधित विषयों की वजह से उत्तराखंड के लोगों को बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है और यही वजह है कि पलायन पर सरकार का कोई रोक नहीं है और जो प्रवासी आना भी चाहते है उनके प्रवास के लिए भी सरकार के पास कोई ठोस प्लान नहीं है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश का कार्यकाल संभालते ही प्रवासी उत्तराखंडी भारतीय लोगों का सम्मेलन किया था देश विदेश में रहने वाले प्रवासियों को दो दिवसीय कार्यक्रम में भी बुलाया गया था जिसका उस समय राज्य सरकार को अच्छा अनुभव भी मिला यही वजह है की अब सभी के अनुभवों के साथ सरकार प्रवासी सम्मेलन कर रही है जिसमे बड़ी संख्या में उत्तराखंडी प्रवासियों के आने का अनुमान हे साथ ही उत्तराखंडी प्रवासियों के अनुभवों से सरकार प्रदेश हित के लिए उनका ज्ञान भी लेगी। वही विदेशो से आये उत्तराखंडी प्रवासियों ने सरकार की इस पहल को सहराना करते हुए प्रदेश की समस्याओं को लेकर अपने अनुभव की साझा किए
उत्तराखंड में हो रहे लगातार पलायन को लेकर सभी विपक्षी दल लगातार सरकार पर पहले से ही निशाना साधे हुए हैं और अब वही चुनाव के चलते सरकार का खास तौर से प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन को लेकर आयोजित सम्मेलन पर विपक्षियों का यही मानना है कि ये सरकार का सिर्फ एक दिखावा है लगातार सरकार प्रवासियों को प्रदेश में रोकने में विफल साबित हुई है अगर सरकार कुछ करना भी चाहती है तो पहले प्रदेश में बेहतर शिक्षा,चिकित्सा रोजगार जैसी सुविधाओं को जनता के लिए सही करे, जिनको लेकर अभी तक सरकार ने कोई काम नहीं किया और यही वजह है कि तमाम उत्तराखंड प्रवासी अपने ही प्रदेश में आने से कतरा रहे हैं लेकिन जो प्रदेश में आना भी चाहे रहे है उनको सरकार प्रदेश में रोकने में विफल साबित हुई है इसके बाद सरकार कोई भी सम्मेलन कर ले कोई फायदा नहीं
राज्य गठित होने के बाद से लगातार प्रदेश ने हमेशा आगे बढ़ने की कोशिश की जिसमें कांग्रेस और भाजपा सरकारों ने हर प्रयास किए लेकिन अब तक देखा जाये तो इस राज्य की अपनी ही कई पीड़ा है राज्य में युवा बेरोजगार, भ्रष्टाचार, पलायन और साथ ही सत्ता परिवर्तन इस प्रदेश की गति में रुकावट बनते नजर आए है जिसका खामियाजा सिर्फ यहां की जनता को ही भुगतना पड़ा अगर धामी सरकार की उत्तराखंड प्रवासियों को प्रदेश में वापस विस्थापित करने उद्योगों को लगाने में कामयाब होती है तो आने वाले समय में प्रदेश को लगी बीमारी पलायन हो या बेरोजगारी जैसे गंभीर मामलों से निजात मिल सकती है