सैलाना से आए आदिवासियों का हल्लाबोल,जिलाबदर की कार्रवाई को लेकर आदिवासी समाज ने घेरा कलेक्टर कार्यालय

रिपोर्ट -राहुल बैरागी

मध्य प्रदेश- रतलाम जिले में सैलाना से आए आदिवासी समुदाय के लोगों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। आदिवासी समुदाय के 2 लोगों के खिलाफ प्रशासन ने जिला बदर की कार्रवाई की थी।आदिवासी समाज के लोग ‘न लोकसभा और न विधानसभा, सबसे बड़ी ग्रामसभा’ के बैनर के साथ रतलाम आए थे। इसी का विरोध करने आज सैलाना से लोग कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। जब हंगामा बढ़ने लगा तो कलेक्टर भी जमीन पर बैठ गए उन्होंने लोगों को कोर्ट जाने की समझाइश दी। इसके बाद लोगों ने प्रदर्शन बंद किया|

कलेक्टर भी जमीन पर बैठ कोर्ट जाने की समझाइश
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के समय समाज के दो लोगों को तत्कालीन कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने गलत तरीके से जिला बदर कर दिया था। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले दो लोगों पर जिला बदर की कार्रवाई की गई थी। जिन पर ये कार्रवाई हुई उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। हम यहां ज्ञापन देने नहीं आए हैं। यहां ग्राम सभा कर निर्णय लेंगे कि आगे क्या करना है। लेकिन वे कलेक्टर को बुलाने की बात पर अड़े रहे। इसके बाद कलेक्टर भास्कर लाक्षाकर वहां पहुंचे। एक जिला बदर की मां ने कलेक्टर से कहा, ‘ऐसी कौन सी गलती की मेरे बेटे ने, वो तो समाज की बात करता है, इसमें कौन सी गलती है?’

कलेक्टर ने कोर्ट जाने की दी नसीहत 

कलेक्टर ने लोगों को समझाते हुए कहा, ‘आप कोर्ट में अपील कर सकते हैं। उन्होंने जय जोहार बोलकर लोगों का प्रदर्शन खत्म कराया। कलेक्टर ने कहा कि पूर्व में कुछ जिला बदर की कार्रवाईयां हुईं थी, इसी संबंध में कुछ लोग अपनी बात कहने आज आए थे। उन्हें समझाया गया है कि न्यायालय प्रक्रिया में अगर वे किसी आदेश से व्यथित हैं तो उसके लिए हाई कोर्ट ही सही रास्ता है। इस दौरान कलेक्टर ने लोगों को कोर्ट जाने की सलाह दी।

 

 

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