PRASHANT SHUKLA- मैहर के शासकीय प्राथमिक शाला करइया बिजुरिया में आज एक बड़ा हादसा हुआ। स्कूल की जर्जर छत का बारजा अचानक गिर गया, जिससे प्रधानाध्यापक शशिकला तिवारी गंभीर रूप से घायल हो गईं। हादसे के तुरंत बाद स्कूल में पदस्थ अन्य शिक्षकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने उन्हें मैहर सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सतना जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। शिक्षिका के सिर में गहरी चोटें आई हैं और उन्हें 6 से अधिक टांके लगे हैं।

बताया जा रहा है कि यह हादसा उस वक्त हुआ जब बच्चे पानी पीने के लिए स्कूल भवन के बाहर गए थे। शिक्षिका ने जब उन्हें छत के नीचे खड़े होने से मना किया और वहां पहुंची, तभी जर्जर छत का एक हिस्सा उनके ऊपर गिर पड़ा। गनीमत रही कि बच्चे बाल-बाल बच गए। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह हादसा टाला जा सकता था, क्योंकि शिक्षिका पिछले 6 महीनों से लगातार इस जर्जर भवन को लेकर शिक्षा विभाग को लिखित रूप से सूचित कर रही थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस हादसे ने प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों की खस्ताहाल इमारतों को लेकर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। आखिर कब तक शिक्षा विभाग इन जर्जर भवनों को नजरअंदाज करता रहेगा? क्या किसी बड़े नुकसान या जानमाल की हानि के बाद ही प्रशासन जागेगा?अब देखना होगा कि क्या इस घटना के बाद शासन-प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएगा या फिर इसे भी सिर्फ एक और दुर्घटना मानकर भुला दिया जाएगा?