KNEWSDESK – कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज की सरकार पर भ्रष्टाचार और घोटालों का आरोप लगाया और एक लोकल कार्यकर्ता रामनरेश दास का भी जिक्र किया साथ ही साथ पुलिस की संलिप्तता की बात कही और भगवान पर राजनीति करने को लेकर घेरा । प्रवक्ता रागिनी ने कहा कि आस्था की कसौटी पर परखा जाता है तो राम मंदिर के नाम का चन्दा तक खा जाते हैं। सर से पांव तक घोटोलों और भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाते हैं । आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में चुनाव होने वाले हैं, इसलिए दोनो ही पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं।
प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि , धर्म को निजी आस्था मानने वाले बापू के विचार की रोज हत्या करते हुए , वोट बटोरने के लिए धर्म को , ईश्वर को राजनीतिक हथियार बनाते हैं । पर जब धर्म और आस्था की कसौटी पर परखा जाता है, तो राम मंदिर के नाम का चन्दा तक खा जाते हैं। सर से पांव तक घोटालों और भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाते हैं और इसका प्रत्यक्ष प्रमाण मिलता है। शिवराज सिंह सरकार में , मुंह में राम – बगल में छुरी , ये तो संघी – भाजपाई पूरे देश में परिलक्षित करते रहते हैं । धर्म को , भगवान के नाम को अपनी असफलताओं और नाकामियों की ढाल बनाते हैं। भारत माता कि रगों में बहते खून में हिंसा और नफरत का जहर व घोलते रहते हैं।
घोटालों के सरताज नहीं आए बाज
प्रवक्ता ने कहा कि , अभी महाकाल लोक में हुए महाघोटाले की टीस कम होना शुरू नहीं हो पाई, मात्र 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं ने शिवराज सिंह सरकार के भ्रष्टाचार और नर्लज्जता की पोल खोल दी थी। कमल के फूल पर विराजमान सप्त ऋषियों की खंडित मूर्तियों की छवि से आहत देशवासियों की धार्मिक भावनाएं ठीक नहीं हो पाई , लेकिन घोटालों के सरताज नहीं आए बाज ।
कांग्रेस प्रवक्ता ने रामनेश दास जी का जिक्र करते हुए कहा कि , वर्तमान सरकार सिर्फ पैसे का खेल है। कोई गैरकानूनी काम ऐसा नहीं है, जो यहां नहीं हो रहा है। पुलिस की भी संलिप्तता है। ये सब ऑन रिकार्ड कहा है। एक लोकल आरटीआई कार्यकर्ता रामनरेश दास जी ने ये भंडाफोड़ किया 2017 में। एफआईआर की गई पर उस पर कार्रवाई नहीं हुई । नए एसपी के आने के बाद पुनः मामला चर्चा में आया है, लेकिन मामले को रफा – दफा करने का दबाव लोकल विधायक अनिल जैन डाल रहे हैं । उनके पीछे कैलाश विजयवर्गीय जी का पूरा सहयोग और समर्थन है। एक तरफ तो घपले , गबन भ्रष्टाचार का मामला है, तो दूसरी तरफ राम राजा सरकार से आयकर विभाग ने नोटिस भेजकर एक करोड़ 22 लाख का हिसाब मांगा है, इस आय का रिटर्न भरने को कहा है। वो कहते हैं ना कि विनाश काले विपरीत बुद्धि,जब अधर्मी शासक के कुशासन का अंत निकट होता है, तब उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। यही शिवराज सिंह जी के साथ हो रहा है।