भोपाल गैस त्रासदी की 40वीं बरसी पर पीड़ितों ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर उचित मुआवजे की मांग की

KNEWS DESK, मध्य प्रदेश के भोपाल में दो और तीन दिसंबर 1984 की मध्यरात्रि को भारत के इतिहास की सबसे घातक त्रासदियों में से एक है। जिसमें यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड की फैक्ट्री से जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट का रिसाव हुआ था। वहीं पीड़ितों ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर उचित मुआवजे की मांग की है। अब मुआवजा ही पीड़ितों के घाव पर मरहम लगा सकता है।

भोपाल गैस पीड़ितों को 5 लाख देने की मांग, पांच संगठनों ने पीएम मोदी को लिखा  पत्र - Bhopal Gas Tragedy
सरकारी अनुमान के मुताबिक रिसाव से 5,479 लोगों की जान चली गई और पांच लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए। दुनिया की सबसे घातक औद्योगिक आपदाओं में से एक मानी जाने वाली इस त्रासदी की 40वीं बरसी पर, जीवित बचे लोगों के लिए उस रात के घाव आज भी ताजा हैं।

बता दें कि पीड़ितों के परिवारों और जीवित बचे लोगों, जिनमें से कई अभी भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उचित मुआवजे और उनकी पीड़ा को पहचानने की मांग की है। वहीं पीड़ितों को भरोसा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे गए उनके पत्रों से आखिरकार उनकी लंबे समय से चली आ रही मांगों का समाधान हो जाएगा। इसके अलावा पीड़ितों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि, “पिछले कुछ सालों में सरकार और कंपनी से अतिरिक्त मुआवजे की मांग बार-बार उठाई गई है, लेकिन अब तक भुगतान की गई राशि पूरी तरह से अपर्याप्त है।”

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