आदिवासियों को साधने में लगी कांग्रेस सिवनी में बिरसा ब्रिगेड के कार्यक्रम में शामिल हुए एन सीपी प्रमुख शरद पवार और एमपी के पूर्व मुख्य मंत्री दिग्विजय सिंह

सिवनी में बिरसा ब्रिगेड के कार्यक्रम में शामिल हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि वह आदिवासियों के हक की लड़ाई एनसीपी प्रमुख शरद पवार के नेतृत्व में लड़ेंगे। उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाया कि वह इवीएम से छेड़छाड़ कर अपने अनुकूल चुनाव परिणाम हासिल करने की आदी हो गई है आदिवासियों के साथ मिलकर यह चोरी भी रोकी जाएगी।
रविवार को सिवनी के पालीटेक्निक कालेज मैदान पर बिरसा ब्रिगेड द्वारा मिशन आदिवासी स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के साथ एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी मौजूद रहे।
सभा को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन के साथ हमें ईवीएम मशीनों में हो रही चोरी व खतरे में पड़े लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें सबके साथ मिलकर लड़ाई लड़नी पड़ेगी। हम लोग ना केवल आदिवासियों की लड़ाई लड़ेंगे, बल्कि देश में जो ईवीएम मशीन में चोरी हो रही है, उसकी लड़ाई भी हम शरद पवार के नेतृत्व में लड़ेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बटन दबाते हैं पता नहीं पड़ता वोट कहां गया।
वनवासी यदि शहर चला गया तो क्या अपना हक छोड़ देगा

पूर्व मुखमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि आरएसस वो संगठन हैं जो आदिवासियों की पहचान छीनना चाहता है। वनवासी यदि शहर चला गया तो क्या अपना हक छोड़ देगा, क्या अनुसूचित जाति की सूची में नहीं आएगा,समा में अपने संबोधन में श्री सिंह ने कहा कि ये आपको गुमराह कर रहे हैं। पूर्व सीएम बोले, मैं अगाह करना चाहता हूं आरएसएस और भाजपा के लोगों को कि आदिवासियों की पहचान छीनने का प्रयास मत करिए, इनकी पहचान बनाए रखना मौलिक संवैधानिक अधिकार है और
जल, जंगल और जमीन बचाने वाले ही ये हमारे आदिवासी ही हैं

सभा को संबोधित करते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि आदिवासियों की समस्याओं व उनके अधिकारों के लिए हम सब एकजुट होकर सभी विषयों पर चर्चा करेंगे। देश में जितने भी बांध बने हैं, हाइवे बने हैं, रेल मार्ग बने, इसमें सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासियों को अपनी जमीन से वंचित होकर उठाना पड़ा। वन अधिनियम 1972 बनने के बाद आदिवासियों के अधिकारों को सीमित कर दिया गया। जबकि जल, जंगल और जमीन को बचाने वाले आदिवासी ही हैं। सभी बिंदुओं पर आदिवासियों की मांग केंद्र सरकार के सामने रखी जाएगी।

कार्यक्रम में महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगनभुजबल, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध मोहिते, डिंडोरी विधायक व आदिवासी नेता ओंमकार मरकाम, बरघाट विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया और बिरसा ब्रिगेड के प्रमुख सतीश पेंडाम ने भी संबोधित किया और कहा कि हम लोग ना केवल आदिवासियों की लड़ाई लड़ेंगे, बल्कि इस देश में जो ईवीएम मशीन में चोरी हो रही डकैती हो रही उसकी लड़ाई भी हम शरद पवार के नेतृत्व में लड़ेंगे।

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