रिपोर्ट – योगेश चौधरी
मध्यप्रदेश – अब मध्यप्रदेश के भिण्ड की तस्वीर बदल रही है। ये जिला कभी कभी ये जिला नवजात बेटियों की हत्याओं के लिए बदनाम रहा करता था, पर समय के साथ भिंड के लोगों की सोच बदली। बेटियों को बेटों जैसा सम्मान मिला। वहीं अब भिण्ड की बेटियाँ कई स्तर पर अपने जिले का नाम रोशन कर रही है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा के केनो कयाकिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी
बता दें कि मध्यप्रदेश के भिंड की रहने वाली पूजा ओझा का चयन पेरिस पैरालंपिक खेल (Paris Paralympic Games) के लिए हुआ है. पूजा कायकिंग कैनोइंग में हिस्सा लेगी| वह जिले की पहली बेटी होंगी जो ओलम्पिक जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा के कायकिंग कैनोइंग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। दरअसल, पैरा खेलों में बेटियों को पहचान दिलाने के लिए जिले में साल 2017 में स्थानीय गौरी सरोवर स्थित वोट क्लब पर पहला केनो, कयाक सेंटर स्थापित किया गया| इसी क्लब में प्रशिक्षण लेकर पूजा ओझा लगातार अथक परिश्रम करते हुए प्रदेश की पहली अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनी।
सभी ने अपने खेल का अभ्यास भिण्ड के वोट क्लब से आरंभ किया
इस संबंध में जानकारी देते हुए खेल प्रशिक्षक राधे गोपाल यादव ने बताया कि यहीं पर विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों ने भी प्रशिक्षण लेना प्रारंभ किया। देशभर से चयनित चार खिलाड़ियों में मध्य प्रदेश से 3 महिला पैरा खिलाड़ियों का पेरिस पैरालंपिक खेल में चयन हुआ है, जिसमें भिंड की पूजा, ग्वालियर से प्राची यादव और रजनी झा शामिल हैं| सभी खिलाडिय़ों ने अपने खेल का अभ्यास भिण्ड के वोट क्लब से आरंभ किया। भिण्ड के लिए यह गौरव का विषय है कि यहां से प्रारंभ हुआ यह खेल इन सबके लिए वरदान साबित हुआ।
30 खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके
उन्होंने बताया इस क्लब के निर्माण के बाद से लगभग 30 खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके हैं। आगे आने वाले समय में पूजा ओझा से प्रेरणा लेकर भिण्ड में और प्रतिभाएं निकल कर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेरेंगी।