केदारनाथ रक्षा यात्रा जारी, सियासत भारी !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देवभूमि उत्तराखंड में केदारनाथ में होने वाले उपचुनाव से पहले राज्य में केदारनाथ धाम से जुड़े मुद्दों पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बुधवार से केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा शुरू कर दी है। ये यात्रा अगस्त माह तक चलेगी। ये यात्रा विभिन्न पड़ावों से होते हुए केदारनाथ धाम तक जाएगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने हर की पैड़ी पर पूजा अर्चना कर यात्रा की शुरुआत की। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सरकार केदारनाथ धाम समेत अन्य धामों का व्यवसाई करण कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। केदारनाथ धाम से शिला ले जाकर नई दिल्ली में केदारनाथ धाम मंदिर का शिलान्यास किया गया और केदारनाथ धाम मंदिर ट्रस्ट के नाम से चंदा वसूला जा रहा है। ट्रस्ट के क्यूआर कोड पर आज भी चंदा लिया जा रहा है। इसके अलावा केदारनाथ धाम से 228 किलों सोना कहा गायब हुआ..ऐसे तमाम सावालों को कांग्रेस इस यात्रा के जरिए उठा रही है। वहीं कांग्रेस के इन सभी आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस केदारनाथ उपचुनाव में राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे कार्यक्रम चला रही है। कांग्रेस की इस यात्रा के बीच राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ पहुंचकर केदारनाथ धाम में चल रहे पुननिर्माण के कार्यों का जायजा लिया। साथ ही जल्द कार्यों को पूरा करने के भी निर्देश दिये हैं। सवाल ये है कि क्या कांग्रेस की ये यात्रा धाम के रक्षा की यात्रा है या उपचुनाव की तैयारी का नतीजा है

 

देवभूमि उत्तराखंड में श्री केदारनाथ मंदिर के शिलान्यास पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा शुरू कर दी है। ये यात्रा अगस्त माह तक चलेगी। ये यात्रा विभिन्न पड़ावों से होते हुए केदारनाथ धाम तक जाएगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने हर की पैड़ी पर पूजा अर्चना कर यात्रा की शुरुआत की। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सरकार केदारनाथ धाम समेत अन्य धामों का व्यवसाई करण कर रही है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का स्थान एक ही है, दूसरे स्थान पर कोई धाम नहीं हो सकता। वहीं भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस केदारनाथ उपचुनाव में राजनीतिक लाभ के लिए यह यात्रा निकाल रही है

 

 वहीं एक ओर जहां कांग्रेसी दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के शिलान्यास को लेकर सवाल खड़े कर रही हैं तो वहीं दूसरी ओर भाजपा ने कांग्रेस को याद दिलाया कि वर्ष 2015 में मुंबई में 11 करोड़ की लागत से भव्य बदरीनाथ मंदिर बनाया गया था, जिसके शिलान्यास के अवसर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत शामिल हुए थे। भाजपा का कहना है कि राज्य सरकार ने धामों-मंदिरों और ट्रस्टों के नाम का उपयोग करने पर सख्त कार्रवाई का फैसला लिया है। इसके साथ ही बीजेपी सरकार सभी धामों को दिव्य और भव्य बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिँह धामी ने केदारनाथ धाम पहुंचकर केदारनाथ धाम में चल रहे पुननिर्माण के कार्यों का भी जायजा लिया है। बावजूद इसके कांग्रेस का भाजपा पर आरोप लगाया जाना तथ्यहीन है

 

कुल मिलाकर देवभूमि उत्तराखंड में श्री केदारनाथ मंदिर का दिल्ली में शिलान्यास करने पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस अब इस यात्रा के जरिए इस मुददे को लगातार उठाती रहेगी। साथ ही सरकार पर दबाव बनाने की भी कोशिश करेगी। सवाल ये है कि क्या मुख्यमंत्री ने लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। क्या कांग्रेस की ये यात्रा राजनीतिक लाभ के लिए है

 

  

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