संभल में होगा कल्कि अवतार… सीएम योगी ने विधानसभा में दिया बड़ा बयान

KNEWS DESK – उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल हिंसा को लेकर अपनी सरकार का पक्ष स्पष्ट किया। सदन में दिए अपने जोरदार भाषण में उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और संभल में हुई पत्थरबाजी और हिंसा पर कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने पौराणिक संदर्भों, ऐतिहासिक घटनाओं और वर्तमान परिस्थितियों का हवाला देते हुए कहा कि “संभल की घटना का सच सबके सामने आएगा, और जिसने भी माहौल खराब किया है, वह किसी भी कीमत पर बचेगा नहीं।”

संभल का पौराणिक महत्व और विवाद

सीएम योगी ने संभल को भगवान विष्णु के 24वें अवतार, कल्कि अवतार की भूमि के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा, “हमारे पुराण स्पष्ट कहते हैं कि कलियुग के अंत में भगवान विष्णु का दसवां अवतार, कल्कि, संभल में होगा। यह स्थान पौराणिक और ऐतिहासिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने आगे कहा कि बाबरनामा में भी हरिहर मंदिर का उल्लेख मिलता है, जिसे तोड़कर वहां ढांचा खड़ा किया गया। संभल के संदर्भ में योगी ने कहा, “यह सिर्फ सर्वे की बात थी। कोर्ट के आदेश पर सर्वे हुआ। लेकिन जुमे की नमाज के दौरान भड़काऊ तकरीरों के कारण हिंसा भड़काई गई। जो लोग पत्थरबाजी और माहौल बिगाड़ने में शामिल थे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”

संभल में दंगों का इतिहास

मुख्यमंत्री ने संभल के दंगों का लंबा इतिहास गिनाते हुए बताया कि 1947 से लेकर 1978 तक यहां कई बार हिंसक घटनाएं हुईं।

  • 1947: सांप्रदायिक हिंसा की शुरुआत।
  • 1976: पांच लोगों की हत्या।
  • 1978: 184 हिंदुओं को जिंदा जला दिया गया।

सीएम ने सवाल उठाते हुए कहा, “इन निर्दोष हिंदुओं की मौत पर कभी संवेदना व्यक्त नहीं की गई। क्या यह न्याय है?”

सांप्रदायिक दंगों में गिरावट

मुख्यमंत्री योगी ने आंकड़ों के जरिए बताया कि उनकी सरकार आने के बाद उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों में भारी कमी आई है।

  • 2012-2017 के बीच 815 दंगे हुए, जिनमें 192 लोगों की मौत हुई।
  • 2017 के बाद सांप्रदायिक दंगे 99% तक कम हुए हैं।

उन्होंने कहा, “हमने यह सुनिश्चित किया है कि प्रदेश में कानून और व्यवस्था बनी रहे। 2017 से अब तक प्रदेश में एक भी बड़ा सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ है।”

विपक्ष पर हमला

मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “जो लोग संविधान की दुहाई देते हैं, उन्हें भारत के मूल संविधान को पढ़ना चाहिए। उसमें राम, कृष्ण, हनुमान, और बुद्ध का जिक्र है। लेकिन धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद जैसे शब्द तो बाद में जोड़े गए।”

योगी ने आरोप लगाया कि विपक्ष ने हमेशा ऐतिहासिक सच्चाइयों को नजरअंदाज किया है और जनता को भ्रमित करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, “आप लोग एक बार बाबरनामा जरूर पढ़ें। आपको पता चलेगा कि कैसे हमारे मंदिरों और हमारी संस्कृति को तोड़ा गया।”

सांप्रदायिक तनाव पर कड़ा रुख

मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि हिंदू त्योहारों और शोभायात्राओं के दौरान ही विवाद क्यों होता है। उन्होंने कहा, “आप चाहते हैं कि आपके त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाए जाएं, लेकिन हिंदू शोभायात्रा किसी मस्जिद के पास से गुजरती है तो तनाव क्यों पैदा होता है? भारत की धरती पर केसरिया झंडा लगाने में क्या समस्या है?”

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