KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के कई जिलों में महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के पलट प्रवाह से उत्पन्न जाम की स्थिति ने प्रशासन की चुनौती बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संकट को गंभीरता से लिया और अफसरों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वरिष्ठ अधिकारी स्वयं सड़क पर उतरें और हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करें। सीएम योगी ने जाम की स्थिति से निपटने के लिए अधिकारियों से कहा कि जहां भी जाम होगा, वहां के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
प्रयागराज और आसपास के जिलों में जाम की स्थिति
महाकुंभ के बाद श्रद्धालुओं का पलट प्रवाह कई जिलों में भारी जाम की वजह बन गया। प्रदेश के प्रमुख जिलों में प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, अमेठी, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर और बाराबंकी में बृहस्पतिवार को भीषण जाम देखा गया। विशेष रूप से अयोध्या में हालात बेहद गंभीर थे, क्योंकि महाकुंभ में स्नान करने के बाद लाखों श्रद्धालु रामनगरी की ओर लौट रहे थे।
लखनऊ-वाराणसी हाईवे पर 25 किमी लंबा जाम
सुल्तानपुर जिले में लखनऊ-वाराणसी हाईवे पर करीब 25 किमी लंबा जाम लग गया। अमहट से लंभुआ तक वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। यहां बुधवार रात 10 बजे से लेकर बृहस्पतिवार शाम 4 बजे तक अयोध्या जाने वाली सड़कों को बंद कर दिया गया। इस जाम में 17 घंटे तक फंसे श्रद्धालु भूख और प्यास से बेहाल हो गए। लाखों श्रद्धालुओं के इस कठिन समय के बीच प्रशासन ने जल्द ही यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए कदम उठाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस जाम की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई और अधिकारियों से सुनिश्चित किया कि किसी भी जिले में जाम की स्थिति उत्पन्न न हो। उन्होंने आदेश दिया कि प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी और आसपास के सभी जिलों में ट्रैफिक व्यवस्था को तुरंत सुचारू किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि जाम के कारण कोई भी परेशानी नहीं होनी चाहिए, और श्रद्धालुओं को कोई भी असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से सुधारात्मक कदम उठाए। सुल्तानपुर और अयोध्या सहित अन्य प्रभावित इलाकों में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नए मार्गों पर वाहनों को डायवर्ट किया गया। गोरखपुर, गोंडा, रायबरेली, और अंबेडकरनगर के मार्गों पर भारी वाहनों के प्रवेश को रोक दिया गया। साथ ही, वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। महाकुंभ का आयोजन एक ऐतिहासिक धार्मिक कार्यक्रम है, लेकिन इस दौरान उत्पन्न यातायात समस्याओं से निपटने के लिए अधिकारियों को सख्त कदम उठाने होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं होगी।