KNEWS DESK – जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबू लाल खराड़ी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार जनजाति परिवारों के उत्थान के लिए संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि जनजाति वर्ग के कल्याण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के लिए आवंटित बजट जनजातीय विकास विभाग द्वारा अन्य विभागों को हस्तांतरित किया जाता है, जिससे संबंधित विभाग योजनाओं की क्रियान्विति सुचारू रूप से कर सके। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार जनजातीय किसानों के आय में वृद्धि का कार्य करती है।
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने सदन को बताया कि राज्य सरकार किसानों पर किसी भी प्रकार का आर्थिक भार नहीं आने देती। किसानों को पंप सेट, पशुपालन आदि के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। कुसुम योजना के तहत किसानों को सोलर पंप लगाने की सुविधा भी दी जा रही हैं।
इससे पहले विधायक अमृतलाल मीणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा कृषि पशुपालन के लिए संबंधित विभाग को प्रस्तावित गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय प्रावधान उपरांत राशि हस्तांरित की जाती है। उन्होंने बताया संकर मक्का बीज मिनिकिट वितरण सब्जी बीज मिनिकिट वितरण (उद्यानिकी) पशु आहार अनुदान पशुपालकों को प्रशिक्षण शिविर कृत्रिम गर्भाधान आदि के लिए राशि का हस्तांतरण किया जाता है।
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने विधानसभा क्षेत्र सलूम्बर में सलूम्बर, सराडा, सेमारी, झल्लारा एवं जयसमंद पंचायत समितियों में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा गत 5 वर्षों में व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं एवं लाभांवितों की संख्या सार्वजनिक कार्यों का योजनावार एवं संख्यावार विवरण एवं कार्यों का विस्तृत विवरण सदन के पटल पर रखा।
यह भी पढ़ें – उत्तराखंड: पहले सावन की झड़ी, स्मार्ट सिटी चौपट पड़ी !