बाराबंकी पुलिस का अमानवीय चेहरा, पड़ी रही बेटे की लाश पिता को पीटती रही पुलिस

रिपोर्ट – राहुल त्रिपाठी

उत्तर प्रदेश – बाराबंकी मे पुलिस का अमानवीय चेहरा उस समय सामने आया जब एक हल्का दरोगा ने एक व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत के बाद उसके पिता व रिश्तेदारों की पुलिस ने जमकर पिटाई कर दी | इसका उदाहरण पुलिस के द्वारा पिटने वाले वृद्ध खुद ही रहे | पूरे मामले की जांच पुलिस के सीओ सदर को सौंपी गई है, जो अगले 24 घंटे के अंदर देंगे | उसी के अनुसार अग्रिम कार्रवाई होगी।

इंचार्ज दरोगा राकेश यादव ने मृतक के पिता की जमकर पिटाई कर दी

आपको बता दें कि जिले के जैदपुर थाना क्षेत्र के बीबीपुर मुख्तीपुर का यहां पर एक किसान अपने खेत में बुधवार को फसल की सिंचाई कर रहा था कि अचानक हृदयाघात हुआ और उसकी मौके पर मौत हो गयी | उसके अंतिम संस्कार के लिए पिता और कुछ रिश्तेदार आये अब उसकी चिता को जलाने के लिए लकड़ी की व्यवस्था करनी थी, तो किसी ने रेंज के वनदरोगा सचिन पटेल को पीड़ित ने फोन से मौखिक रूप से अनुमति ले ली और पास के जंगल में लगे पेड़ की लकड़ी काटना शुरू कर दिया| इस बीच किसी ने स्थानीय पुलिस को पेड़ कटान की सूचना दे दी और तत्काल मौके पर पहुंचे हल्का 2 के इंचार्ज दरोगा राकेश यादव ने मृतक के पिता की जमकर पिटाई कर दी | वहीं वृद्ध की पिटाई करते हुए देख रिश्ते मे दामाद आ गए उन्हे भी पुलिस की पिटाई का शिकार होना पड़ गया और उन्हे भी दरोगा राकेश यादव ने जमकर पीट दिया| पुलिस उन्हे अपने साथ लेकर थाने चली आयी |

बेटे की लाश चिता पर अंतिम संस्कार का इंतजार करती रही

जब ग्रामीणों को इस बात की जानकारी हुई तो तमाम ग्रामीण थाने पहुंचकर थाने का घेराव शुरू करके पुलिस हिरासत मे पिता हनुमान और उनके दामाद को रिहा किया। मृतक के पिता हनुमान गौतम ने बताया जब दरोगा राकेश यादव पहुंचे तो उन्होने बिना कुछ पूंछे पीटना शुरू कर दिया और बचाव के लिए जब मेरे दामाद आये, तो उन्हे भी उनकी पिटाई का शिकार होना पड़ा | इस बीच बेटे की लाश चिता पर अंतिम संस्कार का इंतजार करती रही, देर रात किसी तरह से मृतक का अंतिम संस्कार हो सका।

24 घंटे में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेंगे

वहीं ऑफ़ द कैमरा एडिशनल एसपी दक्षिणी डॉ. अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि मामले में सीओ सदर को जांच सौंपी गई है, जो 24 घंटे में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेंगे, उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इन सब में कुल मिलाकर एक बात तो साफ है कि मित्र पुलिस का यह अमानवीय चेहरा कुछ नया नहीं है अक्सर इस तरह के मामले आते हैं जो सामने आ नहीं आ पाते हैं |

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