KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश सरकार ने देश के पहले कार्बन क्रेडिट फाइनेंस स्कीम की शुरुआत करके पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या धाम में आयोजित राज्यव्यापी वृक्षारोपण अभियान के दौरान की। योजना के तहत किसानों को उनके द्वारा उत्पन्न किए गए कार्बन क्रेडिट के बदले सीधे वित्तीय लाभ मिलेगा।
कार्बन क्रेडिट एक तरह की पर्यावरणीय मुद्रा है, जो वातावरण से ग्रीनहाउस गैसों में कमी या कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण को दर्शाती है। जब किसान वृक्षारोपण, जैविक खेती या वन-कृषि (Agroforestry) जैसी टिकाऊ पद्धतियों को अपनाते हैं, तो वे वातावरण में CO₂ की मात्रा घटाने में मदद करते हैं। इस योगदान के आधार पर उन्हें एक टन CO₂ के लिए एक कार्बन क्रेडिट दिया जाता है, जिसे वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचकर या सरकार के माध्यम से प्रोत्साहन राशि के रूप में लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
योजना के प्रमुख आंकड़े और लाभ
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पहले चरण में 244 किसानों को 49.55 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
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दूसरे चरण में 401 किसानों को 25.45 लाख रुपये दिए जाएंगे।
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योजना में अब तक 42.19 लाख कार्बन क्रेडिट उत्पन्न हुए हैं।
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प्रति क्रेडिट का मूल्य 6 अमेरिकी डॉलर तय किया गया है।
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2024 से 2026 तक, कुल 25,140 किसानों को 202 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे।
पहले चरण में शामिल मंडल
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गोरखपुर: 2,406 किसानों को ₹34.66 करोड़
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बरेली: 4,500 किसानों को ₹24.84 करोड़
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लखनऊ: 2,512 किसानों को ₹21.26 करोड़
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मेरठ: 3,754 किसानों को ₹21.67 करोड़
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मुरादाबाद: 4,697 किसानों को ₹38.05 करोड़
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सहारनपुर: 7,271 किसानों को ₹61.52 करोड़
दूसरे चरण में योजना को देवी पाटन, अयोध्या, झांसी, मिर्जापुर, कानपुर, वाराणसी और अलीगढ़ मंडलों में विस्तारित किया जाएगा। तीसरे चरण में यह पूरे राज्य में लागू होगी। योजना को The Energy and Resources Institute (TERI) के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
“एक पेड़ मां के नाम 2.0” अभियान से बना नया रिकॉर्ड
सरकार के पर्यावरणीय प्रयासों में “एक पेड़ मां के नाम 2.0” अभियान ने भी अहम भूमिका निभाई है:
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37.21 करोड़ पौधे एक ही दिन में लगाकर नया रिकॉर्ड बनाया गया।
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2017 से अब तक 240 करोड़ से अधिक पौधारोपण हो चुका है।
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यूपी का हरित क्षेत्र लगभग 5 लाख एकड़ बढ़ा है।
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राज्य का वन एवं वृक्ष आवरण 9.18% से बढ़कर 10% तक पहुंच गया है।
भारत सरकार ने 2070 तक Net Zero Emissions का लक्ष्य रखा है। यूपी की यह योजना न सिर्फ इस लक्ष्य में योगदान देती है, बल्कि किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत भी प्रदान करती है। किसान प्रति पेड़ 250 से 350 रुपये अतिरिक्त कमा सकते हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा।