सहारनपुर में प्यार की कीमत बनी जान, पिता ने लगाई इंसाफ की गुहार

KNEWS DESK- नवंबर 2022 की रात सहारनपुर के थाना रामपुर मनिहारान इलाके के इस्लामनगर गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया था जब गांव के युवक जियाउर्रहमान की प्रेमिका के घर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। कुछ ही घंटे बाद प्रेमिका का शव भी उसी के घर में फंदे से लटका मिला था। मामला ऐसा था, जिसे शुरू से दबाने की कोशिश की गई, लेकिन दो साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे ऑनर किलिंग का “स्पष्ट मामला” माना और यूपी की सहारनपुर पुलिस को दोबारा जांच के आदेश दिए गए है। मृतक जियाउर्रहमान के पिता अय्यूब बताते हैं कि मेरा बेटा गांव की ही दूसरे समुदाय की एक लड़की से प्यार करता था। दोनों स्कूल में साथ पढ़े थे। 2 नवंबर की रात 11 बजे लड़की ने उसे फोन कर बुलाया था। रात 2 बजे पुलिस का फोन आया कि बेटा लहूलुहान हालत में लड़की के घर पड़ा है। उन्होंने बताया कि उसे प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए, जहां से देहरादून रेफर किया गया। मैक्स हॉस्पिटल के गेट पर उसने दम तोड़ दिया। पोस्टमॉर्टम में 14 चोटें थीं और मौत का कारण सदमा और अधिक खून बहना बताया गया।

मृतक युवक जियाउर्रहमान

अय्यूब का कहना है कि पुलिस ने उनकी तहरीर पर हत्या का नहीं, बल्कि गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज किया। हमने हत्या की तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने हमारी तहरीर फाड़ दी और मनमर्जी से FIR लिखी। बाद में हमें पता चला कि लड़की के परिवार की तहरीर पर हमारे ही चार लोगों पर मुकदमा दर्ज हो गया। जियाउर्रहमान के पिता अय्यूब ने बताया कि रात 2 बजे दरोगा का फोन आया, हम चौकी गए, फिर दरोगा अपनी गाड़ी में हमें लड़की के घर ले गया। वहां जियाउर्रहमान बेसुध पड़ा था। हमने उसे घर लाकर कपड़े बदले और इलाज के लिए दौड़े। लेकिन सात घंटे बाद उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि जब वह थाने गए तो पुलिस ने हत्या की तहरीर नहीं मानी। हमने जबरदस्ती तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने वह तहरीर फाड़ दी और खुद से FIR लिख दी। हमारे ऊपर दबाव बनाया गया कि समझौता कर लो, सफेदपोश लोग भी उधर से प्रेशर डाल रहे थे।

मृतक के शरीर में चोट के निशान

सुप्रीम कोर्ट ने ऑनर किलिंग का मामला माना

17 अप्रैल 2025 को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने इस मामले को ऑनर किलिंग का स्पष्ट मामला” बताया। उन्होंने ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसलों को खारिज करते हुए कहा, “यह गैर इरादतन हत्या नहीं, बल्कि IPC 302 के तहत हत्या है। इस मामले में नए सिरे से आरोप तय होने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी के DGP ने सहारनपुर के डीआईजी अजय कुमार साहनी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय SIT बनाई। SP सिटी व्योम बिंदल और सीओ राजकुमार भी टीम में शामिल हैं। टीम ने इस्लामनगर में पीड़ित और आरोपी पक्ष से बयान लिए। SIT अपनी रिपोर्ट 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में बंद लिफाफे में सौंपेगी।

इंसाफ की गुहार लगाते मृतक के पिता

पुलिस ने शुरुआत में भुरू उर्फ जनेश्वर, मनेश्वर सैनी, प्रियांशु और शिवम के खिलाफ IPC की धारा 304 (गैरइरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर IPC 302 (हत्या) के तहत मामला चलाने के निर्देश दिए गए हैं। जियाउर्रहमान BSc का छात्र था और पिता की परचून की दुकान पर भी हाथ बंटाता था। लड़की हिंदू समुदाय की थी। जब उनके प्यार का पता परिवारों को चला, तो विरोध हुआ। और एक रात, यह विरोध खून में बदल गया। अय्यूब मलिक कहते हैं, बेटा तो वापस नहीं आएगा, लेकिन उसकी रूह को सुकून मिलेगा जब हत्यारों को सजा मिलेगी। हमें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है। इंसाफ अब दूर नहीं है।