कौशांबी में मृतक आश्रित नौकरी नहीं मिलने से परेशान महिला ने आत्महत्या का किया प्रयास, पुलिस ने किया गिरफ्तार

रिपोर्ट – अनिरुद्ध पाण्डेय 

कौशांबी – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही जीरो टॉलरेंस नीति की बात करते हो, लेकिन उनकी इस नीति को उनके की विभाग के अधिकारी खोखला सबित करते नजर आ रहे हैं। ताजा मामला कौशाम्बी जिले का है जहां एक महिला के पति की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई थी। आरोप है कि मौत के बाद अधिकारी नौकरी और ग्रेच्युटी के भुगतान के बदले रिश्वत मांग रहें है और ढाई लाख रुपये देने के बाद भी उसे न नौकरी दी जा रही है न ग्रेच्युटी का भुगतान किया जा रहा है। जिसके कारण बच्चे भूखे मर रहे हैं। महिला ने तंग आकर आत्महत्या की धमकी दी तो प्रशासन ने उसे गिरफ्तार करवा लिया।

अस्पताल में ड्यूटी के दौरान हुई थी पति की मौत

मामला कोखराज कोतवाली के भरवारी कस्बे का है। जहां भरवारी कस्बे के रहने वाले मोनू पशुपालन विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत थे। 25 अक्टूबर 2022 को अस्पताल में ड्यूटी के दौरान उनकी मौत हो गई। पति की मौत के बाद माया देवी पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा। उसके सामने बच्चों को पालने का संकट मंडराने लगा। कुछ दिनों बाद माया देवी ने मृतक आश्रित कोर्ट से नौकरी का फॉर्म भरा और अपने पति के ग्रेच्युटी का भुगतान करने के लिए विभाग के चक्कर लगाना शुरू किया। आरोप है कि कई महीने बीत जाने के बाद जब माया देवी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए.के सागर से मुलाकात करी। जिस पर सीवीओ ने बाबू राजेन्द्र से मुलाकात करने को कहा। जब महिला ने बाबू राजेंद्र से मुलाकात की तो उसने नौकरी और ग्रेच्युटी निकालने के बदले 5 लाख रिश्वत देने की मांग की।

नौकरी न मिलने पर दी आत्मदाह की धमकी

महिला माया देवी ने आरोप लगाया कि उसने लोगों से उधार लेकर और गहन गिरिवेश कर नौकरी और ग्रेच्युटी निकालने के नाम पर ढाई लाख रुपये रिश्वत दिया, लेकिन उसके बावजूद भी उसे न तो अनुकम्पा के आधार पर नौकरी दी जा रही है न ही ग्रेच्युटी के रुपए निकले जा रहे हैं। माया देवी ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आईजीआरएस के माध्यम से किया तो विभाग के लोग उसे शिकायत वापस करने के लिए दबाव बनाने लगे। इसके बाद माया देवी ने प्रशासन और शासन को पत्र लिखकर नौकरी न मिलने पर आत्मदाह की धमकी दी। इस पत्र के मिलने के बाद पशुपालन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। माया देवी का कहना है कि उसे नौकरी और ग्रेच्युटी का पैसा न मिलने के कारण घर चलाने में दिक्कत हो रही है और बच्चे भूखे मर रहे हैं।

कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से किया साफ इनकार

वहीं पूरे मामले में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए. के सागर से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया। उनका कहना है कि महिला से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र मांग की गई थी लेकिन वह उसे नहीं दे रही है, जिसके कारण उसके अनुकम्पा के आधार पर नौकरी और ग्रेच्युटी का पैसा रोका गया है।

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