अवैध अतिक्रमण भारी, पर्यावरण बचाने की तैयारी !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में जल्द होने जा रहे निकाय चुनाव से पहले धामी सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक ओर जहां निकाय चुनाव को लेकर लगातार कोर्ट से लग रही फटकार है तो वहीं दूसरी ओर विकास के नाम पर अँधाधुध पेड़ों की कटाई का विरोध और अवैध अतिक्रमण पर एक बार फिर राज्य में सियासत गरमा गई है। आपको बता दें कि तेज बारिश के बीच एक बार फिर सोमवार को अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई। जेसीबी की मदद से एमडीडीए और नगर निगम की ओर से कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में काठबंगला और वीर गब्बर सिंह बस्ती में 11 मार्च 2016 के बाद हुए करीब ढाई सौ अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया। इस दौरान टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। बता दें कि एनजीटी के आदेश पर अवैध निर्माण पर यह कार्रवाई की जा रही है। कांग्रेस का कहना है कि बरसात के बीच सरकार गरीबों को बेघर कर रही है। जबकि बड़े लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बिना नोटिस के ही प्रशासन गरीबों के घरों को तोड़ने की कार्रवाई कर रहा है। वहीं अतिक्रमण पर मचे सियासी बवाल के बीच देहरादून में हजारों लोग दिलाराम चौक से मुख्यमंत्री आवास तक सड़क चौड़ीकरण की चर्चा के बीच पेड़ों को बचाने के लिए लामबंद हो गये हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही कह चुके हैं इस मार्ग पर कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा। सड़क चौड़ीकरण भी नहीं किया जा रहा है। इसके बाद भी सभी ने पैदल मार्च निकालकर सरकार से पेड़ों के कटान पर रोक लगाने की मांग की है। लोगों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो निकाय चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने का कार्य किया जाएगा। सवाल ये है कि क्या लोगों की नाराजगी निकाय चुनाव में भाजपा को भारी पड़ेगी, सवाल ये भी है कि आखिर कौन है जो इन मलिन बस्तियों को पहले बसा रहा है और फिर इनको उजाड़ा जा रहा है।

 

देहरादून जिला प्रशासन ने एक बार फिर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी कड़ी तेज बारिश के बीच काठबंगला और वीर गब्बर सिंह बस्ती में 11 मार्च 2016 के बाद हुए करीब ढाई सौ अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया। इस दौरान टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। बता दें कि एनजीटी के आदेश पर अवैध निर्माण पर यह कार्रवाई की जा रही है। कांग्रेस का कहना है कि बरसात के बीच सरकार गरीबों को बेघर कर रही है। जबकि बड़े लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बिना नोटिस के ही प्रशासन गरीबों के घरों को तोड़ने की कार्रवाई कर रहा है।

वहीं अतिक्रमण पर मचे सियासी बवाल के बीच देहरादून में हजारों लोग दिलाराम चौक से मुख्यमंत्री आवास तक सड़क चौड़ीकरण की चर्चा के बीच पेड़ों को बचाने के लिए लामबंद हो गये हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही कह चुके हैं इस मार्ग पर कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा। सड़क चौड़ीकरण भी नहीं किया जा रहा है। इसके बाद भी लोगों को भरोसा नहीं है.नाराज लोगों ने पैदल मार्च निकालकर सरकार से पेड़ों के कटान पर रोक लगाने की मांग की है। लोगों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो निकाय चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने का कार्य किया जाएगा।

कुल मिलाकर निकाय चुनाव से पहले राज्य की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक ओर जहां कोर्ट से लगातार पड़ रही फटकार सरकार की चिंता को बढ़ा रही है तो वहीं दूसरी ओर विकास के नाम पर पेड़ों के हो रहे अंधाधुंध कटान का विरोध शुरू हो गया है। इस बीच एनजीटी के आदेशों का अनुपालन करने में जुटी धामी सरकार को अवैध अतिक्रमण पर भी विरोध झेलना पड़ रहा है। ऐसे में देखना होगा धामी सरकार क्या कुछ समाधान निकालती है

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