KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन इन दिनों अपने एक भावुक और तीखे बयान को लेकर चर्चा में हैं। उनका कहना है कि उन्हें और उनके परिवार को एक “बड़े नेता” के इशारे पर बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया — उन्हें “मुल्ली” और “आतंकवादी” कहकर संबोधित किया गया।
हालांकि इकरा ने किसी नेता का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिया, लेकिन इशारों में बताया कि ये हमला इलाके के ही एक बड़े नेता के इशारे पर हुआ है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लगातार साजिश रची जा रही है और उन्हें बदनाम करने की कोशिश हो रही है।
इकरा हसन हाल ही में कुराली-छापुर गांव के शिव लक्ष्मी मंदिर पहुंचीं, जहां कुछ दिन पहले तोड़फोड़ की घटना हुई थी। उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे समाज को बांटने वाली मानसिकता का हिस्सा बताया।
उन्होंने कहा “मंदिर या किसी भी आस्था की जगह को खंडित करना बर्दाश्त के काबिल नहीं है। यह समाज को बांटने की कोशिश है।”
इकरा ने अपने भाषण में धर्म, जाति और महिला सम्मान को लेकर कई अहम बातें कहीं। उन्होंने कहा कि जब वह चुनाव जीती थीं, तब उन्हें हर धर्म और जाति से वोट मिले थे और यही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है। उनका कहना था “मेरे खिलाफ लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन मैंने कभी धर्म और बिरादरी की राजनीति नहीं की।”
इकरा हसन ने उन आरोपों को सिरे से खारिज किया, जिनमें कहा गया कि उन्होंने धर्म परिवर्तन किया है। उन्होंने भावुक होकर कहा “आप चाहें तो मेरा खून निकाल लो, लेकिन मेरी बिरादरी मुझसे अलग नहीं हो सकती। मेरा सिर मत झुकाओ।”
सपा सांसद ने कहा कि आज राजनीति का स्तर इस कदर गिर चुका है कि अब महिला नेताओं के चरित्र, धर्म और परिवार तक पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा “अगर मुझमें कमी है, तो मुझे वोट मत दो, लेकिन गालियां देना कहां की राजनीति है? क्या मैं आपके समाज की बेटी नहीं हूं?”
इकरा हसन ने अपने बयान में समाज में ध्रुवीकरण की राजनीति पर भी करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा “जिन्हें आज महापुरुष की उपाधि दी जा रही है, अगर वे समाज को तोड़ रहे हैं, तो वे महापुरुष नहीं हो सकते।”