महाकुंभ में जबरदस्त भीड़, संगम स्टेशन 26 फरवरी तक बंद, यात्रा व्यवस्था में बदलाव

KNEWS DESK-  प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के 36वें दिन भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। आज सुबह 10 बजे तक लगभग 58 लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

संगम स्टेशन बंद, यात्रा व्यवस्था में बदलाव

भीड़ के चलते संगम स्टेशन को 26 फरवरी तक बंद करने का फैसला लिया गया है। रेलवे ने 19 ट्रेनों के रूट में बदलाव कर दिया है और यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों से यात्रा करने की सलाह दी है। इसके अलावा, मेला क्षेत्र में वाहनों की एंट्री को फिर से रोक दिया गया है और सभी प्रकार के पास रद्द कर दिए गए हैं। वाहन चालकों को संगम से 10-12 किलोमीटर पहले पार्किंग में रोक दिया जा रहा है, जिसके बाद श्रद्धालुओं को पैदल ही संगम तक जाना पड़ रहा है।

अफसरों की ड्यूटी बढ़ाई गई, सुरक्षा इंतजाम कड़े

महाकुंभ में सुरक्षा और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए तैनात अफसरों की ड्यूटी 27 फरवरी तक बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने का निर्देश दिया है, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से स्नान कर सकें और कोई अप्रिय घटना न हो।

आज महाकुंभ के दौरान भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनोट संगम में स्नान करने के लिए पहुंचेंगी। इसके अलावा, गुजरात, महाराष्ट्र, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी आज संगम में डुबकी लगाएंगे। यह महाकुंभ की भव्यता और धार्मिक महत्व को और बढ़ाता है।

महाकुंभ के इस खास दिन पर गंगा पंडाल में एक अनोखा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। 8 घंटे के अंदर करीब 10,000 लोग हाथों की छाप का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए एकत्र होंगे। यह एक ऐतिहासिक अवसर होगा और इसका महत्व महाकुंभ के ऐतिहासिक योगदान को दर्शाता है।

महाकुंभ के चलते प्रयागराज-रीवा हाईवे पर 15 किमी लंबा जाम लग गया है, जबकि लखनऊ, कानपुर और जौनपुर के रास्तों पर भी वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। एयरपोर्ट पर भी यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई, जहां यात्री जमीन पर बैठे और लेटे हुए नजर आए। यह दर्शाता है कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या कितनी अधिक है और यात्रा व्यवस्था पर दबाव कितना बढ़ गया है। महाकुंभ का आयोजन एक धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है, और इसकी तैयारी और सुरक्षा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। प्रशासन ने पूरी कोशिश की है कि श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई न हो और वे सुरक्षित तरीके से स्नान कर सकें।

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