उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में मॉनसून की बारिश के साथ ही सरकार के तमाम इंतज़ाम भी बारिश के पानी में धुलते हुए नजर आ रहे है… तेज बारिश से नदी नाले उफान पर है. पुलिस प्रसाशन की ओर से नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है… वही जगह जगह लैंडसलाईडिंग होने से 100 से ज्यादा रास्ते बंद पड़ गए है.जिससे आवाजाही पूरी तरह से ठप पड़ी है… वही बारिश की वजह से सडके नदी में तब्दील हो चुकी है. लोगों के घरो और दुकानों में पानी भरा हुआ है. हरिद्वार, देहरादून, हल्द्वानी, में स्थिति काफ़ी विकट हो गई है… वही राजधानी देहरादून में सड़कों के नदी में तब्दील होने के बाद स्मार्ट सिटी के कार्यो पर सवाल उठने लगे हैं. विपक्ष ने हजारों करोड़ रुपये स्मार्ट सिटी के नाम पर खर्च करने के बाद भी जनता को कोई सुविधा न मिलने पर स्मार्ट सिटी के कार्यो की सीबीआई जांच की मांग की है.. कांग्रेस ने इस पूरी परियोजना में करोड़ों रुपए के घोटाले का भी आरोप लगाया है. वहीं विपक्ष के इस हंगामें के बीच नैनीताल हाईकोर्ट में नदियो का चेंलाइजेशन, बाढ़ राहत के कार्य व नदियों से मलुआ नही हटाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की खण्डपीठ ने राज्य सरकार से इस मामले में दो सप्ताह के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने जुलाई माह के अंतिम सप्ताह की तिथि नियत की है। सवाल ये है की आखिर क्यों सरकार ने समय रहते मानसून की तैयारी क्यों नही की. सवाल ये भी है की यदि मानसून की शुरुआती बारिश में ये हाल है तो आगे क्या स्थिति बनेगी इसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है
देवभूमि उत्तराखंड में मॉनसून की बारिश अब आफत की बारिश बन गई है…पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश ने पूरा जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है. पहाड़ से लेकर मैदान तक आफत की बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. वही शासन प्रशासन की चुनोतिया भी बढ़ गई है… देर रात तक नदी किनारे रहने वालो को एक़ और जहाँ सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाना पड़ रहा है तो वही दूसरी और लेंडस्लाइड की वजह से लगातार बंद होते मार्ग और बढ़ता जाम भी शासन-प्रशासन की चिंता को बढ़ा रहा है…इस बीच नैनीताल हाईकोर्ट ने बरसात से पहले नदियो का चेंलाइजेशन, बाढ़ राहत के कार्य व नदियों से मलुआ नही हटाने को लेकर सरकार से जवाब माँगा है
वहीं एक और जहां मानसून की बारिश और हाईकोर्ट ने सरकार की चिंता को बढ़ाकर रखा हुआ है तो वहीं विपक्ष ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना के तहत देहरादून में चल रहे समार्ट सिटी के कार्यों की सीबीआई जांच की मांग की है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि पहली ही बारिश में देहरादून स्मार्ट सिटी के कामों की पोल खुल गई है। उन्होंने स्मार्ट सिटी परियोजना की सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं बीजेपी का कहना है कि स्मार्ट सिटी के दायरे में पूरा शहर नहीं है इसलिए बार बार स्मार्ट सिटी पर सवाल खड़े करना सही नही
कुल मिलाकर मॉनसून की पहली बारिश ने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है। पहाड़ से लेकर मैदान तक जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। इसके साथ ही तमाम निर्माण कार्यों पर भी सवाल उठने लगे हैं। इस बीच नैनीताल हाईकोर्ट ने बरसात से पहले नदियों की सफाई ना होने पर भी सरकार से जवाब मांगा है। सवाल ये है कि आखिर बार बार क्यों कोर्ट से सरकार को फटकार पड़ रही है। आखिर क्यों समय रहते सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की