हरिद्वार: मनसा देवी मंदिर मार्ग पर भगदड़ से बड़ा हादसा, 8 श्रद्धालुओं की मौत, 35 घायल, सीएम धामी ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

KNEWS DESK- रविवार सुबह हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर मार्ग पर हुए भगदड़ के दर्दनाक हादसे ने पूरे उत्तराखंड को झकझोर कर रख दिया। मंदिर दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच अचानक मची अफरा-तफरी में 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि 35 श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें 5 की हालत गंभीर बताई जा रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं हरिद्वार पहुंचे और जिला अस्पताल में घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।

रविवार सुबह करीब 9 बजे, जब सैकड़ों श्रद्धालु मनसा देवी मंदिर की चढ़ाई कर रहे थे, तभी करंट फैलने की अफवाह जंगल में आग की तरह फैल गई। अफवाह के बाद भीड़ में भगदड़ मच गई, जिससे श्रद्धालु एक-दूसरे पर गिरने लगे।

चीख-पुकार, धक्का-मुक्की और जमीन पर गिरते लोग, यह नजारा कुछ ही पलों में त्रासदी में बदल गया। जिला प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव अभियान शुरू किया। घायलों को हरिद्वार के जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान कई लोगों की मौत हो गई।

मृतकों की पहचान:

  1. वकील (45 वर्ष)
  2. आरुष (6 वर्ष), रामपुर मुरादाबाद
  3. विशाल (19 वर्ष)
  4. विपिन (18 वर्ष)
  5. शांति (60 वर्ष)
  6. रामभरोसे (65 वर्ष)
  7. अज्ञात युवक (19 वर्ष)
  8. विक्की (25 वर्ष)

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार पहुंचकर हादसे में घायल लोगों से मुलाकात की और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50 हजार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है।

सीएम धामी ने इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था और अफवाहों को लेकर प्रारंभिक लापरवाही की समीक्षा की जा रही है।

हरिद्वार प्रशासन का कहना है कि अफवाह फैलाने वाले व्यक्ति की पहचान की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना एक बार फिर धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन तैयारियों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। मनसा देवी मंदिर जैसे प्रमुख स्थलों पर श्रद्धालुओं की संख्या हर रविवार और पर्व के दिन लाखों में पहुंचती है। ऐसे में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करने की मांग जोर पकड़ रही है।