रिपोर्ट – सिद्धार्थ द्विवेदी
उत्तर प्रदेश – हमीरपुर की एक बेटी को लड्डू गोपाल से इतना प्रेम हो गया कि उसने लड्डू गोपाल को पढ़ाने के लिए स्कूल में दाखिला करा दिया। इसके लिए प्रतिमाह दो हजार रुपये फीस भी महिला अदा करेगी। इतना ही नहीं लड्डू गोपाल के लिए एक केयर टेकर भी लगाई है, जो लड्डू गोपाल की देखरेख करेगी। महिला की यह कहानी जब गांव के लोगों ने सुनीं तो हर कोई दंग रह गया।
लखनऊ के एक प्राइवेट स्कूल में कराया दाखिला
बता दें कि हमीरपुर के थाना जलालपुर के भेड़ी गांव निवासी गुड़िया बीते दिनों अपने गांव आईं थीं और वह अपने साथ एक प्यारे से लड्डू गोपाल भी लिए थीं। हर समय गोद में लड्डू गोपाल को देख गांव के लोगों से नहीं रहा गया तो उन्होंने गुड़िया से उन्हें रखने का कारण पूछ लिया। जिस पर गुड़िया ने बताया कि वह लड्डू गोपाल को अपना बेटा मानती हैं और एक बेटे जैसी ही उसकी परवरिश भी करती हैं। उन्होंने बताया कि उनके लड्डू गोपाल अभी दो वर्ष के हैं और बच्चों के साथ रखने के उद्देश्य से उन्होंने लखनऊ के एक प्राइवेट स्कूल में नर्सरी कक्षा में दाखिला भी कराया है। इसके लिए उन्हें दो हजार रुपये प्रतिमाह फीस जमा करनी होगी।
लड्डू गोपाल को स्कूल जाने के लिए ख़रीदा सामान
इसके अलावा उन्होंने आरती उर्फ पूजा नाम की एक केयर टेकर भी लड्डू गोपाल की देखरेख के लिए रखी है जो प्रतिदिन उन्हें रिक्शे में स्कूल ले जाएगी और स्कूल से वापस लाएगी। उन्होंने लड्डू गोपाल को स्कूल जाने के लिए स्कूल बैग, टिपिन, कापी, किताबें, पानी की बोतल समेत अन्य सारा सामान भी खरीदा है। महिला की लड्डू गोपाल के प्रति यह दीवानगी जिसने भी सुनी वह दंग रह गया।
लड्डू गोपाल को ही माना अपना बेटा
गुड़िया ने बताया कि वह लखनऊ के चिनहट में रहती हैं, उनके एक भी संतान नहीं है इसलिए उन्होंने लड्डू गोपाल को ही अपना बेटा मान लिया है और उन्होंने उनका नाम लड्डू भैया रखा है। जो अभी दो वर्ष के हैं। एक बच्चे की तरह वह उनकी देखरेख कर रही हैं और पूरा ख्याल रख रही हैं। उन्होंने लड्डू भैया के नाम से एक चैनल भी बनाया है। जिसमें सारा दिन की गतिविधि को शेयर करती हैं।
गांव से वापस लौटने के बाद लड्डू गोपाल के चेहरे में दिखी थी मायूसी
गुड़िया ने बताया कि जब वह अपने गांव से वापस लौट गईं तो लड्डू गोपाल के चेहरे में मायूसी दिखी थी। उन्होंने बताया कि गांव में लड्डू गोपाल उनकी भतीजी यशस्वी उर्फ यशू के साथ सारा दिन रहते थे और खेलते थे। भतीजी की कमी को पूरा करने के लिए वह रोजाना वीडियो काल भी कराती हैं जिससे उसके चेहरे में मुस्कान छा जाती है।