रिपोर्ट – सिद्धार्थ द्विवेदी
उत्तर प्रदेश – हमीरपुर में इस समय कोहरे के साथ कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। कोहरे के कारण विज़िबिलिटी (दृष्टि की सीमा) में कमी आई है, जिससे वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई है। इस ठंड में लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं, जबकि खेतों की रखवाली करने वाला किसान पूरी रात अलाव के पास बैठकर रात गुजार रहा है। इन मुश्किल हालात को देखते हुए हमीरपुर के जिलाधिकारी ने बीती रात अस्पताल और रैनबसेरों का जायज़ा लिया और जरूरतमंदों को कम्बल वितरित किए, साथ ही संबंधित अधिकारियों को अलाव का इंतज़ाम करने के निर्देश दिए थे।
ठंडी और कोहरे ने बढ़ाई मुश्किलें
आपको बता दें कि इस समय हमीरपुर में गलन भरी ठंड पड़ रही है, और पारा 6 से 7 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है। ऐसे में शाम होते ही बाजारों में सन्नाटा पसरने लगता है। कुछ लोग जो बाहर दिखाई देते हैं, वे अलाव तापते हुए नजर आते हैं। हालांकि, किसान खेतों में काम करने के लिए मजबूर हैं क्योंकि इस क्षेत्र के अधिकांश किसान एक ही फसल (रबी) उगाते हैं। इस समय किसानों को खेतों की सिंचाई करनी होती है, और उन्हें रात बिताने के लिए अलाव जलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
जिलाधिकारी ने लिया राहत कार्यों का जायज़ा
गलन भरी सर्दी के साथ ही इस वक्त कोहरे ने भी दस्तक दे दी है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, हमीरपुर के जिलाधिकारी घनश्याम मीना बीती रात जिला अस्पताल और रैनबसेरों का जायजा लेने निकले थे। यहां उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों को कम्बल और तीमारदारों के लिए अलाव के इंतजाम का जाएजा लिया। जिलाधिकारी ने अपने मातहतों को निर्देशित किया कि यदि रात के समय सड़क के किनारे, बस स्टैंड, या रेलवे स्टेशन के आसपास कोई व्यक्ति दिखाई दे, तो उसे रैनबसेरों में भेजा जाए, जहां कम्बल और जहां अन्य सुविधाओं का इंतजाम होना चाहिए।
कोहरे का असर यातायात पर
कोहरे के कारण सड़क पर वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है। वाहन चालकों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ रही है। रात के समय ये हालात और भी जोखिम भरे हो गए हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। इन सब परिस्थितियों के बावजूद, प्रशासन की तरफ से राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं, ताकि सर्दी और कोहरे से प्रभावित लोगों को जल्दी राहत मिल सके।