Knews Desk, रिपब्लिक डे पर कानून व्यवस्था ताक पर रखकर जमकर गोलियां बरसाई गई। उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार गणतंत्र दिवस पर दो जनप्रतिनिधि लॉ एंड ऑर्डर की जमकर धज्जियां उड़ाते दिखे। जिस तरह पूर्व भाजपा विधायक और निर्दलीय विधायक तंमचे लहराते हुए दिख रहे हैं, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था के क्या हाल हैं। कहीं न कहीं ये दोनों प्रतिनिधि सीधे तौर पर सीएम धामी को ललकारते हुए चैलेंज कर रहे हैं। इस घटनाक्रम की चारों ओर निंदा की जा रही है कि आखिर प्रदेश में कानून व्यवस्था क्यों खराब हो गई है। गोलीबारी के बाद दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार तो कर लिया है, लेकिन आचार संहिता लागू होने पर भी इनके हथियार क्यों नहीं जमा किए गए यह अपने आप में बड़ा सवाल है। प्रदेश में गृह विभाग प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी के पास है, ऐसे में विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं। विपक्ष के अनुसार ऐसे खुलेआम गोलियां चलाकर प्रदेश का शांत माहौल खराब किया जा रहा है। कांग्रेस और उक्रांद के अनुसार ऐसे खुलेआम हथियार लहराने और गोलियां चलाने वालों के खिलाफ सरकार अगर सख्त कार्रवाई नहीं करेगी तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। कांग्रेस के अनुसार इन दोनों पूर्व और वर्तमान विधायकों को भाजपा सरकार का संरक्षण प्राप्त है। पुलिस प्रशासन सोया रहा, कहीं न कहीं ऐसे खुलकर कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाना कहां तक उचित है। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के अनुसार कानून हाथ में लेना उचित नहीं है। इस पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी चाहे वह कोई भी हो।
गोलियां चलाने की इन वारदातों के बाद हरिद्वार एसएसपी और भारी पुलिस बल रुड़की के सिविल लाइंस कोतवाली में तैनात है। सिविल लाइंस कोतवाली के आस-पास भारी पुलिस फोर्स तैनात कर कड़ा पहरा लगाया गया है। रविवार को चैंपियन और उनके समर्थक बड़ी संख्या में उमेश कुमार के कार्यालय पर पहुंचे और जमकर तोड़फोड़ करते हुए समर्थकों से मारपीट की। आरोप है कि इस दौरान ताबड़तोड़ फायरिंग भी की गई है। कुछ देर बाद विधायक उमेश कुमार भी वहां पहुंच गए और बंदूक लहराकर हंगामा किया। देहरादून नेहरू कालोनी थाना पुलिस ने पूर्व विधायक कुंवर प्रवण सिंह चैंपियन को मामले में हिरासत में ले लिया। हरिद्वार पुलिस ने पूर्व विधायक चैंपियन और वर्तमान विधायक खानपुर उमेश कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
दरअसल, पूर्व भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बीच शनिवार को अपशब्द कहने को लेकर विवाद हुआ था। इस मामले में देर रात उमेश कुमार अपने समर्थकों के साथ चैंपियन के कैंप कार्यालय और लंढौरा महल के बाहर पहुंचे थे और जमकर हंगामा हो गया था। उमेश कुमार ने चैंपियन को सोशल मीडिया के जरिए सामने आने के लिए ललकारा। इस दौरान उमेश कुमार के तीन समर्थक भी घायल हो गए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं घटना की सूचना मिलते ही सीओ रुड़की नरेंद्र पंत और भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। दोनों के समर्थकों में तनाव को देखते हुए दोनों के कैंप कार्यालय पर पुलिस बल तैनात किया गया है। नरेंद्र पंत ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। फायरिंग को लेकर गंभीरता से जांच की जा रही है। पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चौंपियन के फेसबुक से इस घटना को लेकर एक वीडियो भी पोस्ट किया गया। वह अपने समर्थकों के साथ विधायक उमेश शर्मा के कार्यालय में जाते दिख रहे हैं। साथ ही उनके समर्थकों के हाथों में बंदूक भी थी। राज्य आंदोलनकारियों के अनुसार क्या इसलिए राज्य बनाया गया था? तमाम राज्य के लोग शहीद हुए और लंबे आंदोलन के बाद इस राज्य का जन्म हुआ है।
अक्सर विवादों में रहने वाले पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और विधायक उमेश शर्मा फिर से चर्चाओं में हैं। दोनों ही माननीयों के गाली-गलौज और फायर झोंकने के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। इन दोनों जनप्रतिनिधियों की इन ओछी हरकतों की हर कोई आलोचना कर रहा है। फिलहाल मामले में पुलिस ने दोनों माननीयों और उनके समर्थकों को अरेस्ट कर लिया है। तमाम शहादतों और आंदोलनों के बाद क्या इसलिए इस शांत प्रदेश उत्तराखंड का निर्माण किया गया? तमाम सवाल लोग इन दोनों नेताओं पर उठा रहे हैं। देखना होगा कि पुलिस इस मामले में अब क्या कार्रवाई करती है।