गुप्ता बंधुओं पर गाज, साहनी की मौत का राज ?

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देवभूमि उत्तराखंड में बिल्डर सतेंद्र साहनी की आत्महत्या मामले में सियासत गरमा गई है। दअरसल इस मामले में विपक्ष ने भाजपा सरकार की घेराबंदी तेज कर दी है। एक ओर जहां कांग्रेस ने इस मामले की उच्च स्तरीय मामले की जांच की मांग कि है साथ ही कांग्रेस ने इस प्रकरण में कई बड़े सफेदपोश और प्रभावशाली लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले में कहा कि भाजपा का राज असलियत में एक ‘वसूली-तंत्र’ है, जिसमें ऊपर- से-लेकर नीचे तक सारा शासन-प्रशासन मिलकर कारोबारियों से वसूली करता है। सबसे ख़तरनाक बात ये है कि ये तंत्र एक राज्य की सीमाओं में नहीं बंधा है बल्कि आसपास के राज्यों तक में दखलअंदाज़ी करके लाखों-करोड़ों वसूलता है और लोगों को आत्महत्या तक करने के लिए मजबूर करता है। अखिलेश यादव की बात का कांग्रेस ने भी समर्थन किया है। हांलाकि भाजपा ने इन सभी आरोपों से इंकार किया है। आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को देहरादून के रेसकोर्स निवासी बिल्डर सतेंद्र साहनी ने सहस्रधारा रोड पर पैसिफिक गोल्फ स्टेट स्थित एक अपार्टमेंट की आठवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। उनकी जेब से मिले सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने गुप्ता बंधू कारोबारी अजय कुमार गुप्ता और उनके बहनोई अनिल कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया जिसके बाद कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में दोनों को जेल भेज दिया है। साथ ही दोनों की जमानत अर्जी को भी खारिज कर दिया है….वहीं भाजपा का दावा है कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच के साथ ही आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई कर रही है हांलाकि बड़ा सवाल ये है कि आखिर कई देशों में बैन होने के बाद भी गुप्ता बंधुओं को कैसे देवभूमि में कारोबार करने की इजाजत मिल गई, आखिर किस राजनीतिक दल का गुप्ता बंधूओं को संरक्षण मिल रहा है. और यूपी का कौन आईपीएस अधिकारी है जो गुप्ता बंधुओं को बचाने की कोशिश कर रहा था साथ ही सतेंद्र साहनी पर दबाव बना रहा था.

 

राजधानी देहरादून में हुई बिल्डर सतेंद्र साहनी की आत्महत्या के मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी है। इस मामले में दून पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए गये गुप्ता बंधू कारोबारी अजय कुमार गुप्ता और उनके बहनोई अनिल कुमार गुप्ता को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को देहरादून के रेसकोर्स निवासी बिल्डर सतेंद्र साहनी ने सहस्रधारा रोड पर पैसिफिक गोल्फ स्टेट स्थित एक अपार्टमेंट की आठवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। उनकी जेब से मिले सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने गुप्ता बंधू कारोबारी अजय कुमार गुप्ता और उनके बहनोई अनिल कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया जिसके बाद कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में दोनों को जेल भेज दिया है। साथ ही दोनों की जमानत अर्जी को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया है….

 

मिली जानकारी के मुताबिक अजय गुप्ता और सतेंद्र साहनी के बीच लेनदेन को लेकर विवाद था। गुप्ता बंधू ने करीब 19 करोड़ रुपये प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट किए थे। प्रोफिट शेयरिंग को लेकर उनका एग्रीमेंट भी हुआ था…लेकिन इसी बीच बिल्डर सतेंद्र साहनी ने आत्महत्या कर दी। वहीं अब इस मामले में विपक्ष के निशाने पर भाजपा आ गई है। एक ओर जहां कांग्रेस ने इस मामले की उच्च स्तरीय मामले की जांच की मांग कि है साथ ही कांग्रेस ने इस प्रकरण में कई बड़े सफेदपोश और प्रभावशाली लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले में कहा कि भाजपा का राज असलियत में एक ‘वसूली-तंत्र’ है, जिसमें ऊपर- से-लेकर नीचे तक सारा शासन-प्रशासन मिलकर कारोबारियों से वसूली करता है और लोगों को आत्महत्या तक करने के लिए मजबूर करता है। अखिलेश यादव की बात का कांग्रेस ने भी समर्थन किया है। हांलाकि भाजपा ने इन सभी आरोपों से इंकार किया है।

 

कुल मिलाकर बिल्डर सतेंद्र साहनी की आत्महत्या मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ ही अब इस मामले में सियासत भी गरमा गई है….विपक्ष एक और जहां इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहा है तो वहीं सफेदपोश और प्रभावशाली लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग विपक्ष ने की है.. बड़ा सवाल ये है कि आखिर कई देशों में बैन होने के बाद भी गुप्ता बंधुओं को कैसे देवभूमि में कारोबार करने की इजाजत मिल गई, आखिर किस राजनीतिक दल का गुप्ता बंधूओं को संरक्षण मिल रहा है..

 

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