KNEWS DESK – उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने मंगलवार को देहरादून में वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लद्दाख से पहुंची ‘वायु वीर विजेता’ कार रैली को रवाना किया। इस को रैली को 12 अक्टूबर को लद्दाख से जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने रवाना किया था।
रैली का मार्ग और उद्देश्य
वायु वीर कार रैली के सदस्यों ने देहरादून में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और पुष्प अर्पित किए।
यह रैली कारगिल विजय दिवस के 25 साल पूरे होने और भारतीय वायुसेना की 92वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की गई है। इसमें भारतीय एयरफोर्स और आर्मी के 52 सर्विंग अधिकारियों ने भाग लिया। यह कार रैली भारतीय वायु सेना और उत्तराखंड युद्ध स्मारक द्वारा आयोजित की गई थी, जो सियाचिन, लेह और श्रीनगर होते हुए सोमवार को देहरादून पहुंची। रैली का उद्देश्य युवाओं को वायु सेना के प्रति प्रेरित करना, वायु सेना की महान उपलब्धियों को उजागर करना और सशस्त्र सेनाओं के प्रति सम्मान बढ़ाना है। रैली का नेतृत्व देहरादून निवासी विंग कमांडर विजय प्रकाश भट्ट कर रहे हैं, जबकि ‘वार रूम’ का नियंत्रण ग्रुप कैप्टन नमित रावत के हाथ में है।
श्रद्धांजलि और सम्मान
देहरादून में रैली के प्रतिभागियों ने चीड़बाग शौर्य स्थल पर उत्तराखंड वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और पूर्व राज्यसभा सांसद तरुण विजय भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विंग कमांडर विजय प्रकाश भट्ट और पर्वतारोही कर्नल अश्विनी पंवार समेत 25 से अधिक एयरफोर्स के अधिकारियों को सम्मानित किया गया।
राज्यपाल का बयान
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने इस रैली को गर्व और हर्ष का विषय बताया, और कहा, “यह रैली वायुसेना की वीरता, साहस और तकनीक की सटीकता का संदेश देती है। यह हर युवा के लिए प्रेरणा है और 7,000 किलोमीटर की यह यात्रा देश को गर्व के साथ प्रेरित करेगी।”
जन जागरण अभियान
ग्रुप कैप्टन दीपेश पाठक ने बताया कि रैली लद्दाख, श्रीनगर, जम्मू होते हुए चंडीगढ़ से देहरादून पहुंची है। उन्होंने कहा कि इस दौरान सैनिक अधिकारियों से बातचीत की जाएगी और दून यूनिवर्सिटी में एक लेक्चर कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। रैली का उद्देश्य युवाओं के बीच सैनिकों की भूमिका को उजागर करना और उन्हें सेना की ओर आकर्षित करना है।
कार्यक्रम में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि इस तरह की रैलियां और जन जागरण बेहद जरूरी हैं। उन्होंने आशा जताई कि इससे युवाओं में देश की सेवा के प्रति प्रेरणा बढ़ेगी।