उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देवभूमि उत्तराखंड में मानसून की भारी बारिश के बीच विधानसभा सत्र का आगाज हो चुका है। सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष के तेवर तल्ख है। विपक्ष ने सड़क से सदन तक सत्ता पक्ष की घेराबंदी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए एक ओर जहां राजधानी देहरादून में ईडी कार्यालय का घेराव किया तो वहीं दूसरी ओर गैरसैँण में भी विधानसभा भवन के बाहर कांग्रेसी विधायक इस मुद्दे को लेकर धरने पर बैठे। वहीं कांग्रेस विधायकों ने सदन की कार्यवाही के दूसरे दिन एक और जहां बदहाल कानून व्यवस्था, आपदा और केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग को मुद्दा बनाते हुए जमकर धरना प्रदर्शन किया। इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं ने पूंजी पत्तियां के खिलाफ और सेबी प्रमुख के खिलाफ सरकार से कार्रवाई की मांग की है। वहीं विपक्ष के हंगामे के बीच धामी सरकार ने सदन की कार्यवाही के दूसरे दिन सदन में पांच हजार करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश करने के साथ ही उत्तराखंड लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली अध्यादेश सदन के पटल पर पेश कर दिया है। इसके साथ ही उत्तराखंड में अब दंगाइयों से नुकसान की भरपाई के लिए जल्द कानून अस्तित्व में आ जाएगा।
उत्तराखंड में विपक्ष ने सत्तापक्ष के खिलाफ सड़क से सदन तक मोर्चा खोल दिया है। दअरसल एक ओर जहां विपक्ष ने सदन में बदहाल कानून व्यवस्था के साथ ही सत्र की अवधि को बढ़ाने, स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के साथ ही कई अन्य मुद्दों को लेकर हंगामा किया तो वही दूसरी ओर देहरादून में कांग्रेस नेताओं ने AICC के आह्वान पर ईडी कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा काटा. दअरसल कांग्रेस नेताओं की नाराजगी है कि मोदी सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं का उत्पीड़न कर रही है। मोदी सरकार पूंजीपतियों को बचा रही है और विपक्षी नेताओं पर जबरन ईडी-सीबीआई की जांच थोप रही है…वहीं सत्ता पक्ष विपक्ष के इन आरोपों को बेबुनियाद बताकर विपक्षी को इस प्रवृत्ति से बचने की सलाह दे रहा है