जंगल गए धधक, वन्य जीव रहे भटक !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देवभूमि उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग बुझने का नाम नहीं ले रही है। सूर्य की बढ़ती तपीश और बारिश ना होने के साथ ही कई अन्य कारणों से आग की घटनाओँ में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो प्रदेश भर में रिकार्ड 54 जगह जंगलों में आग लगी, जिसमें 76 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल जले हैं। वहीं अबतक 146 लोगों के खिलाफ प्रदेश भर में जंगल जलाने के केस दर्ज किए गए हैं, जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। आपको बता दें कि वनाग्नि से अब तक प्रदेशभर में 650 हेक्टेयर जंगल जल गए हैं। इस सीजन में अब तक 544 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। जंगलों में लगी आग अब रिहायशी इलाकों तक पहुंच गई है। इसके साथ ही जंगली जानवर भी आग से बचने के लिए रिहायशी इलाकों तक पहुंच रहे हैं, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है। वहीं अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा ने बताया कि सभी डिवीजनों और पार्कों में हाई अलर्ट किया गया है। कर्मचारियों और अधिकारियों को चौबीस घंटे फील्ड में रहने के निर्देश दिए गए हैं। छुट्टियों पर भी रोक लगाई गई है, इसके साथ ही कंट्रोल बर्निंग सहित तमाम सुरक्षा उपाए किए जा रहे हैं। वहीं वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं पर अब राज्य में सियासत भी गरमा गई है। विपक्ष का कहना है कि समय रहते सरकार ने तैयारी नहीं की जिसकी वजह से जंगलों में लगी आग विकराल हो रही है। हांलाकि सत्तापक्ष का दावा है कि शासन प्रशासन वनाग्नि से निपटने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए हैं और जल्द ही इससे राहत मिलेगी सवाल ये है कि आखिर क्यों वन विभाग ने समय रहते पूरी तैयारी नहीं कि, सवाल ये भी है कि अगर अप्रैल में ये हाल तो मई-जून में क्या हाल होगा

 

देवभूमि उत्तराखंड के जंगल इन दिनों आग की लपटों से धधक रहे हैं। बढ़ते तापमान की वजह से आग और भड़कती जा रही है। कई क्षेत्रों में ये आग रिहायशी इलाकों तक पहुंच गई है। इतना ही नहीं धधकते जंगलों की वजह से जंगलों मे रहने वाले जंगली जानवर अब रिहायशी इलाकों में भी जा रहे हैं। जिससे ग्रामीणों की चिंता और बढ़ गई है। राज्य में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं की रोकथाम के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शासन के उच्च अधिकारियों की बैठक ली जिसमें उन्होने वनाग्नि की बढ़ती घटनाओँ पर चिंता जताई है साथ ही इसकी रोकथाम के निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं। हांलाकि वनाग्नि की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। अबतक प्रदेशभर में 650 हेक्टेयर जंगल जल गए हैं। वहीं इस सीजन में अब तक 544 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। वहीं अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा ने बताया कि सभी डिवीजनों और पार्कों में हाई अलर्ट किया गया है। कर्मचारियों और अधिकारियों को चौबीस घंटे फील्ड में रहने के निर्देश दिए गए हैं। छुट्टियों पर भी रोक लगाई गई है, इसके अलावा हेल्पलाईन नंबर भी जारी किया गया है।

आपको बता दें कि उत्तराखंड का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 53 हजार 483 किमी  है, जिसमें से 86% पहाड़ी है और 65 से 70 प्रतिशत जंगल से ढका हुआ है…इसमें से 650 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आ गये हैं। वहीं ये आग लगातार बढ़ते हुए अब कई स्थानों पर रिहायशी इलाकों तक पहुंच गई है। जिससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। वहीं वनाग्नि की बढ़ती घटनाओँ पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष का कहना है कि समय रहते सरकार ने तैयारी नहीं की जिसकी वजह से जंगलों में लगी आग विकराल हो रही है। हांलाकि सत्तापक्ष का दावा है कि शासन प्रशासन वनाग्नि से निपटने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है।

कुल मिलाकर तापमान बढ़ने और बारिश ना होने से जंगलों में लगी आग बढ़ती जा रही है। ये आग लगातार बढ़ती जा रही है। जिससे अबतक 650 हेक्टेयर से अधिक जंगल जलकर राख हो गए हैं। जो किं चिंता की बात है। सवाल ये है कि गर्मी की शुरूआत में यदि ये हाल है तो आगे क्या हाल होगा, आखिर क्यों वन विभाग ने समय रहते पूरी तैयारी नहीं की। आखिर कब धधकते जंगलों से उत्तराखंडवासियों को राहत मिलेगी…

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