अधिकारियों के लापरवाही से परेशान किसानों ने, किसान दिवस का किया बहिष्कार, जानिए क्या है मामला

ASHWANI MISHRA- चंदौली जनपद के कलेक्ट्रेट सभागार में महीने में बुधवार को आयोजित होने वाले किसान दिवस का आज किसान नेताओं के साथ किसानों ने बहिष्कार करते हुए जमकर नारेबाजी किया। किसान नेताओं का आरोप है कि विभागीय उच्च अधिकारी नहीं आते हैं और जेई आदि को भेज कर बस किसान दिवस की खानापूर्ति करते हैं। 2 साल से किसी भी मामले का निस्तारण नहीं होने के कारण अब किसान दिवस का बहिष्कार किया जाएगा। सूचना के बाद तत्काल मुख्य विकास अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों को मनाने की कोशिश किया लेकिन किसान विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से परेशान होकर किसान दिवस का बहिष्कार करते ही रहे।


आपको बता दे की चंदौली जनपद को कृषि बाहुल्य क्षेत्र धान का कटोरा कहा जाता है यहां खेती पर ही किसानों की अर्थव्यवस्था निर्भर है लेकिन अधिकारियों के लापरवाही और हिला हवाली के कारण किसानों की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। बुधवार को आयोजित होने वाले किसान दिवस में किसान यूनियन के नेताओं एवं किसानों द्वारा अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी के चलते कलेक्ट्रेट सभागार से किसान दिवस का बहिष्कार करते हुए बाहर निकल गए और धरने पर बैठकर नारेबाजी भी किया।


सूचना के बाद तत्काल मुख्य विकास अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए वहीं जिला कृषि अधिकारी सहित अन्य अधिकारी किसानों को समझने की कोशिश किया लेकिन किसान समझने के लिए तैयार नहीं हुए और कहे जब तक अधिकारियों के कार्यशैली में सुधार नहीं होगा तब तक किसान दिवस का बहिष्कार होगा। किसान नेता दीनानाथ श्रीवास्तव ने बताया कि दो-दो साल से किसानों की समस्याओं के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया है लेकिन उसमें कोई सुनवाई नहीं हो रही है ना कोई प्रगति है ऐसे किसान दिवस का क्या औचित्य है। जब अधिकारी किसानों की समस्याओं का निस्तारण नहीं कर सकते तो खानापूर्ति अब नहीं होगी, इसका बहिष्कार होगा। सिंचाई विभाग,लघु डाल,सहित कई अधिशाषी अभियंता मौके पर नहीं आते हैं और अपने मातहत अधिकारी कर्मचारी को भेज कर मामले की खानापूर्ति करते हैं।
उच्च अधिकारियों के न रहने के कारण समस्या का निस्तारण नहीं हो पता है,जिससे किसान पीड़ित का पीड़ित ही रहता है ऐसे अधिकारियों पर नकेल कसने की जरूरत है,उनके खिलाफ कार्यवाही भी की जानी चाहिए।