काशीपुर मंडी समिति में किसानों की बैठक का किया गया आयोजन, समस्याओं के समाधान और रणनीति पर की गयी चर्चा

रिपोर्ट – अज़हर मलिक

उत्तराखंड – काशीपुर मंडी समिति में एक बार फिर किसानों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें क्षेत्रीय किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर चर्चा की और आगामी रणनीति पर विचार किया। यह बैठक संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आयोजित की गई थी, जिसमें किसान नेताओं और विभिन्न किसानों ने भाग लिया।

आईजीएल फैक्ट्री और शुगर मिल के मुद्दे पर नाराजगी

बैठक में किसानों ने आईजीएल फैक्ट्री से निकलने वाले दूषित पानी और शुगर मिल के बकाया भुगतान न मिलने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। किसानों का कहना था कि आईजीएल फैक्ट्री से निकलने वाला प्रदूषित पानी उनकी फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है और इससे उनकी उपज बर्बाद हो रही है। इसके अलावा, शुगर मिल द्वारा बकाया भुगतान न मिलने की समस्या भी उठाई गई।

सरकार को घेरने की रणनीति

किसान नेताओं ने इन समस्याओं के समाधान के लिए सरकार को जल्द घेरने की रणनीति बनाई है। अवतार सिंह, एक प्रमुख किसान नेता, ने कहा कि यदि प्रशासन द्वारा किसानों की समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं किया गया, तो पहले कुछ बड़े अधिकारियों से मुलाकात की जाएगी। इसके बाद किसान सरकार से वार्ता करने के लिए मजबूर होंगे।

दूसरी ओर, किसान नेता तेजन्द्रर विर्क ने भी बैठक में अपने विचार साझा किए और बताया कि किसानों की समस्याओं को गंभीरता से सुना गया है। उन्होंने कहा कि आईजीएल फैक्ट्री से निकलने वाले दूषित पानी की समस्या को लेकर प्रदूषण विभाग “कुंभकरण नींद” में सोया हुआ है, जो कि बेहद चिंताजनक है।

डिजिटल मीटर के खिलाफ विरोध

बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा बिजली की डिजिटल मीटर प्रणाली को लागू करने की योजना का भी विरोध किया गया। किसान नेताओं का कहना है कि यह कदम किसानों के हित में नहीं है, बल्कि यह उद्योगपतियों जैसे अडानी और अंबानी के हित में है।

आगे की कार्रवाई

किसान नेताओं ने घोषणा की कि वे जल्द ही एसडीएम के साथ मुलाकात करेंगे और किसानों की समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। किसानों की इस बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अपनी समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और सरकार बात करेंगे।

इतना ही नहीं धामी सरकार द्वारा जो प्रदेश को डिजिटल मीटर के रूप में लाइट को डिजिटल करने की कोशिश की जा रही है उसका विरोध भी किसानों द्वारा किया जाएगा| किसान नेताओ का कहना है कि सरकार किसान को जनता के साथ नहीं है बल्कि उद्योगपति अडानी अंबानी जैसे लोगों के साथ है|

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