KNEWS DESK…. हरियाणा बन्द की काॅल का असर बहादुरगढ़ में साफ-तौर से देखने को मिला। जहां पर किसानों के द्वारा हाईवे जाम कर दिया गया जिसके चलते आवागमन बाधित हो गया। जाम लगाने में महिला किसान भी शामिल रहीं। किसानों के द्वारा हाईवे जाम किए जाने चलते पुलिस को रूट डायवर्ट करना पड़ा।
दरअसल आपको बता दें कि किसानों के द्वारा 25 सूत्रीय मांगों को लेकर भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति द्वारा बुधवार के लिए दी गई हरियाणा बंद की कॉल का असर बहादुरगढ़ में साफ तौर पर देखने को मिला। बहादुरगढ़ में किसानों के द्वारा हाईवे जाम कर दिया गया। जाम लगाने के साथ-साथ किसानों ने बीच सड़क पर बैठकर जमकर नारेबाजी भी की। जिसके चलते काफी लम्बा जाम लग गया। वाहनों को पुलिस के द्वारा रुट डायवर्ट करके वैकल्पिक रास्तों से वाहनों को रवाना करना पड़ा।
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प्रशासन किसानों को समझाने में जुटे
बता दें कि जाम लगाने वालों में महिलाएं भी काफी संख्या में शामिल रहीं। महिला किसानों ने सड़क के बीचो-बीच बैठकर जमकर नारेबाजी की। हरियाणा बंद की कॉल के दौरान बहादुरगढ़ के बाजार तो रोजमर्रा की तरह खुले रहे लेकिन किसानों ने हाईवे पर बैठकर जाम जरूर लगा दिया। आमजन की परेशानी को भांपकर किसानों को पुलिस अधिकारी समझाते हुए नजर आए लेकिन आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल बिल्कुल भी मानने को तैयार नहीं दिखे। उन्होंने कहा कि लंबे समय से वह अपना आंदोलन गांधी गिरी के माध्यम से चला रहे थे। लगता है कि सरकार गांधी गिरी की बात बिल्कुल भी समझने वाली नहीं है। इसलिए उन्होंने यह रास्ता अपनाया है। पुलिस अधिकारियों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन किसानों ने केएमपी की तरफ भी बढऩे का प्रयास किया। परन्तु बीच रास्ते पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए झज्जर जिले मेें पांच कम्पनियां पुलिस की तैनात की गई है। केएमपी पर भी भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
किसान संगठनों और खाप पंचायतों ने रेल और सड़क बंद करने की चेतावनी भी दे रखी है। SDM अनिल यादव का कहना है कि किसानों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। उनकी मांगें संज्ञान में है। जिन्हें ऊपर भेजा गया है। उम्मीद है कि जो जरूरी मांग है उन्हें मान लिया जाएगा। किसानों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। किसान नेता रमेश दलाल का कहना है कि देश में दो प्रकार के आंदोलन चल रहे है। एक गांधीगिरी का और दूसरा आंदोलन जो चल रहा है वह बॉर्डर पर है। हमारी हरियाणा बंद की कॉल थी। इस हरियाणा बंद की कॉल में कोई पानी को भी रोक सकता है और कोई जाम भी लगा सकता है। यह अपना अलग-अलग तरह का आक्रोष है।