बदायूं में यार वफादार नदी सूखने किसानों को भारी दिक्कतों का करना पड़ रहा सामना

रिपोर्ट- रीतेश प्रताप सिंह 

बंदायू। अमरोहा,संभल बदायूं और शाहजहांपुर जनपद तक बहने वाली 230 किलोमीटर लंबी सोत नदी अब सूख चुकी है।जिससे किसानों के सामने फसलों की सिंचाई का संकट गहरा गया है वहीं बेजुबान जानवर और पक्षी भी प्यास से व्याकुल हैं।

दरअसल आपको बता दें कि अमरोहा जिले से निकलने वाली यह सोत नदी ऐतिहासिक नदी है।यार वफादार के नाम से मशहूर यह नदी मुगल बादशाह जहांगीर,शाहजहां,आलम शाह,गुलाम वंश के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक,एल्टुटामिश,राजिया सुल्ताना तक का इतिहास समेटे हुए है।एक दशक पहले तक यह निर्मल जल वाली नदी अब अपना अस्तित्व खो रही है।आसपास के किसान सिंचाई का साधन मिट जाने से परेशान हैं वहीं जंगली जानवर और पक्षी बेहाल हैं। किसानों का कहना है कि हर किसान की इतनी हैसियत नहीं होती कि ट्यूबल करा पाए लिहाजा फसलें बर्बाद हो जाती हैं जमीन बंजर हो रही है।  इस नदी को बचाने के लिए जिले के युवाओं ने सोत नदी बचाओ अभियान के नाम से एक आंदोलन शुरू किया है।इन लोगो का कहना है कि यह ऐतिहासिक नदी गंगा की सहायक नदी है इसको गंगा से जोड़ा जाना चाहिए जिससे इसको जीवनदान मिलेगा और किसानों के साथ साथ पर्यावरण और जीव जंतुओं को भी लाभ मिलेगा। इस नदी के सूख जाने पर जिले के 6 ब्लॉक पर इसका बुरा पड़ा है यह ब्लॉक डार्क जोन में चले गए हैं।यार बफादार नदी के सूख जाने से जमीन बंजर हो चली है।अगर इसको गंगा से जोड़ दिया जाता है तो किसानों को इसका सीधा लाभ होगा

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