उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में निकाय चुनावों में अब बागियों को मनाने का सिलसिला शुरू हो गया है क्योंकि दोनों पार्टियों में टिकट ना मिलने से काफ़ी लोग नाराज़ है जहां एक तरह भाजपा ने अपने मंत्रियों और विधायकों को रूठों को मनाने की जिम्मेदारी दी है वहीं कांग्रेस के नेता भी इस काम में लगे हुए है। हालांकि भाजपा टिकट बंटवारे को लेकर बेहद खुश और जीत के कॉन्फिडेंस में है साथ ही रूठो को जल्द ही मनाने की बात कर रही है तो वही सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस की बात करें तो कार्यकर्ताओं में टिकट बंटवारे को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस पार्टी में बेहद नराजगी के सुर और अपनी ही पार्टी में भीतर घात देखने को मिल रहा हैं बात करें तो इससे पहले वायरल वीडियो में टिकट बंटवारे को लेकर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए जा चुके है वही अब निकाय चुनाव दोनों बड़ी पार्टी में पक्ष विपक्ष नहीं बल्कि पार्टी वर्सिज कार्यकर्ताओं की लड़ाई बन गई है ….
भाजपा में बगावती सुर के चलते ज्यादा डैमेज ना हो इसलिए डैमेज कंट्रोल में लग गई है उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने साफ कर दिया है कि दो जनवरी तक सबको मानने की पूरी कोशिश की जाएगी और अगर कोई पार्टी के सिंबल के खिलाफ चुनाव लड़ेगा उनको पार्टी से निष्कासित किया जायेगा और ये ही आखिरी फैसला होगा वहीं अन्य विपक्षी दल भी रूठों को मनाने की मुहिम में जुड़ गए है
कांग्रेस में अब क्या बड़ा नाराज और क्या ही छोटा सभी अब सोशल मीडिया के माध्यम से बारी बारी अपनी नाराजगी जताते नजर आ रहे है वहीं अब कांग्रेस भी कार्यकर्ताओं के जख्मों पर मरहम लगाने की बात कर रही है उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता का कहना है कि ये स्वाभाविक होता है जब किसी को टिकट दिया जाता है काफी लोग नाराज़ हो जाते है लेकिन सबको मनाने का काम किया जा रहा है अगर कोई नहीं मानते तो उसपर पार्टी हाइ कमान फैसला करेगी।
हालांकि नाराजगी तो बनती ही है जो पार्टी के लिए दिन रात मेहनत करेगा और उसका फल भी नहीं मिलेगा तो नाराजगी तो आएगी ही अब सवाल इस बात का है कि इस चुनावी दंगल में राजनीतिक पार्टियों के द्वारा उतारे गए जिताऊ उम्मीदवारों की जीत को लेकर ये अपने ही बागी अंदरूनी बगावत से जीत को हार में न बदल दे इस वजह से सभी राजनीतिक पार्टियों को चिंता ही नहीं डर भी सता रहा है ये ही वजह है कि बागियों को बगावत से रोका जाए