KNEWS DESK- दिल्ली के पतपड़गंज में दिल्ली विकास प्राधिकरण की जमीन में अवैध रूप से काली मंदिर, अमरनाथ मंदिर और बद्रीनाथ मंदिर को हटाने गई विकास प्राधिकरण की टीम को बेरंग लौटना पड़ा। स्थानीय लोगों के विरोध के चलते अतिक्रमण को हटाने का फैसला स्थगित करना पड़ा।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले 40 वर्षों से अधिक समय से यहाँ मंदिर बना हुआ है और बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने आते है। विकास प्राधिकरण के सभी मानकों को ये मंदिर पूरा करते है और बिजली विभाग द्वारा जारी बिल का भुगतान भी इन मंदिरों द्वारा किया जाता है। स्थानीय लोगों ने विरोध के स्वर में कहा कि कुछ भी हो जाए मंदिर नहीं हटने देंगे।
आपको बताते चलें कि पतपड़गंज स्थित तीनों मंदिरों को सरकारी जमीन में बने होने का दावा करते हुए दिल्ली विकास प्राधिकरण ने मंदिर को खाली करने का नोटिस चस्पा किया था। नोटिस चस्पा करने और मियाद पूरी होने के बाद विकास प्राधिकरण कार्रवाई करने पहुंचा था। विकास प्राधिकरण के साथ प्राधिकरण के आला अधिकारी भी अतिक्रमण खाली करवाने आये थे। टीम को देखते ही स्थानीय लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और स्थानीय विधायक को सूचना दी गई। सूचना पर पहुंचे विधायक ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से फोन पर बात की और कार्रवाई को स्थगित करवाया।
सूत्रों ने बताया कि मुख्यंमत्री की दखल के बाद टीम ने कार्रवाई नहीं की है और कार्रवाई को आगे स्थगित कर दिया गया है। अगर आगे विकास प्राधिकरण कार्रवाई करेगा तो मुख्यमंत्री से अनुमति लेनी होगी।