दिल्ली से शुरू हुई बागेश्वर धाम की ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2.0’, बोले धीरेंद्र शास्त्री – “हिंदू राष्ट्र आज नहीं तो कल बनेगा”

डिजिटल डेस्क- बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने गुरुवार को दिल्ली से ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2.0’ की शुरुआत कर दी। यह पदयात्रा दिल्ली के छतरपुर स्थित कात्यायनी माता मंदिर से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर तक जाएगी। इस यात्रा का उद्देश्य हिंदू एकता और सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार को बल देना बताया गया है। पदयात्रा की शुरुआत के मौके पर देशभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु और संत दिल्ली पहुंचे। अनुमान है कि यात्रा में 50,000 से अधिक भक्त और सैकड़ों वाहनों का काफिला शामिल होगा। इस अवसर पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “हम तलवार नहीं, विचारों की लड़ाई में विश्वास रखते हैं। यह यात्रा किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि एकता और जागरण का संदेश देने के लिए है। हिंदू राष्ट्र आज नहीं तो कल जरूर बनेगा।” उन्होंने कहा कि यह केवल एक यात्रा नहीं बल्कि एक वैचारिक क्रांति है, जो हर सनातनी के मन में आत्मगौरव और एकता की भावना जगाएगी। धीरेंद्र शास्त्री ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा, “हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए हिंदू एकता का परचम थमाएं। यह यात्रा समाज को जोड़ने का प्रतीक है, तोड़ने का नहीं।”

दिल्ली से वृंदावन तक यात्रा का मार्ग

यह पदयात्रा दिल्ली के कात्यायनी मंदिर से निकलकर फरीदाबाद, होडल, मित्रोल, पिथरा, सीकरी, कोसीकलां होते हुए वृंदावन पहुंचेगी। शास्त्री ने बताया कि “हर स्थान पर हम प्रभु के नाम का संकीर्तन करेंगे और लोगों को एकता का संदेश देंगे।” यात्रा 16 नवंबर को बांके बिहारी मंदिर में ठाकुर जी के श्रीचरणों में समर्पित होकर समाप्त होगी।

दिल्ली से ही क्यों शुरू हुई यात्रा?

इस सवाल पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “दिल्ली शक्ति और माया की नगरी है, जबकि वृंदावन भक्ति और महादेव की नगरी। इसलिए यह यात्रा भक्ति और शक्ति के मिलन का प्रतीक है। यह आध्यात्मिक और धार्मिक यात्रा हनुमान जी के आशीर्वाद से शुरू हुई है, जो पूरे भारत को एक संदेश देगी कि हम सभी हिंदू एक हैं।” इस यात्रा के लिए पहले ही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। 7 नवंबर को दक्षिणी दिल्ली के कई मार्गों पर यातायात व्यवस्था प्रभावित रहेगी और कुछ रास्तों को डायवर्ट किया जाएगा।