डिजिटल डेस्क- सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में दिवाली पर ग्रीन पटाखे जलाने की सशर्त अनुमति दी है। यह अनुमति एक साल के ट्रायल बेस पर दी गई है, ताकि पर्यावरण पर इसका प्रभाव आंका जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने नियमों के तहत केवल ग्रीन पटाखों को जलाने की इजाजत दी है, जबकि लड़ी और ऑनलाइन पटाखों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। इसके साथ ही पटाखों की बिक्री भी डेजिग्नेटेड जगहों पर ही होगी।
समय और स्थान का पालन अनिवार्य
18 से 20 अक्टूबर तक सुबह 6 बजे से 7 बजे और शाम 8 बजे से 10 बजे तक पटाखों को जलाने की अनुमति होगी। इस दौरान केवल नीरी और PESO द्वारा मान्यता प्राप्त ग्रीन पटाखों का ही उपयोग किया जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, निर्माता सुनिश्चित करेंगे कि केवल ग्रीन पटाखे ही दिल्ली में आएं, और किसी भी उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मॉनिटरिंग 14 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है और 25 अक्टूबर तक जारी रहेगी।
लाइसेंस लेने की प्रक्रिया
मंजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि पटाखे बेचने का लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है। अभी तक किसी विक्रेता को लाइसेंस नहीं मिला है, क्योंकि दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर बैन था। लाइसेंस के लिए विक्रेता को सीधे जिला मजिस्ट्रेट (DM) के पास आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ उन्हें डीपीसीसी और स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन करने का प्रमाण भी देना होगा। इसके बाद संबंधित अधिकारियों की जांच और निरीक्षण के बाद ही लाइसेंस जारी किया जाएगा।
सरकार और निर्माताओं की बैठक
सिरसा ने बताया कि उन्होंने पटाखा निर्माता और रिटेलर के साथ बैठक करने का कार्यक्रम बनाया है। इस बैठक में उन्हें अंडरटेकिंग लेने के साथ-साथ सुरक्षा और पर्यावरण संबंधी गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने को कहा जाएगा। इसके बाद सभी संबंधित विभागों की बैठक होगी ताकि पटाखों के जलाने और हवा की सफाई दोनों सुनिश्चित की जा सकें।
पर्यावरण और साफ हवा का ध्यान
सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बावजूद दिल्ली सरकार ने जोर दिया है कि सभी नियमों का सख्ती से पालन होना चाहिए। मंजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली के नागरिकों का योगदान इस साल हवा को साफ रखने में अहम रहा है। सरकार क्लाउड सीडिंग और मौसम विभाग की अनुमति के अनुसार बारिश कराने के लिए भी तैयार है, ताकि दिवाली के समय प्रदूषण कम रहे।