डिजिटल डेस्क- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित इंदिरा भवन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) मुख्यालय में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने शिरकत की और देश के मौजूदा राजनीतिक हालात, संगठनात्मक मुद्दों और आगामी रणनीति पर चर्चा की। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कई वरिष्ठ नेता बैठक में मौजूद रहे। इस बैठक की सबसे ज्यादा चर्चा शशि थरूर की मौजूदगी को लेकर रही। लंबे समय बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर CWC की बैठक में शामिल हुए। खास बात यह रही कि उन्हें कांग्रेस मुख्यालय के पास भागते हुए आते देखा गया। वह भागते-भागते बैठक में पहुंचे और इस दौरान मीडिया का अभिवादन भी किया। थरूर मुस्कुराते हुए नजर आए, जिससे यह साफ हुआ कि उनकी वापसी को लेकर पार्टी के भीतर सकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश हो रही है।
शशि थरूर की वापसी पर नजरें
गौरतलब है कि शशि थरूर पिछले कई महीनों से कांग्रेस की अहम बैठकों से दूरी बनाए हुए थे। उन्होंने न सिर्फ पिछली दो कांग्रेस कार्यसमिति बैठकों में हिस्सा नहीं लिया था, बल्कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हुई पार्टी बैठकों में भी वह नजर नहीं आए। 18 नवंबर को हुई कांग्रेस की एक अहम बैठक में भी थरूर अनुपस्थित थे। इसके अलावा विदेश में व्यस्तता का हवाला देते हुए उन्होंने दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई कांग्रेस की ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ रैली में भी हिस्सा नहीं लिया था। इतना ही नहीं, शशि थरूर हाल के महीनों में कई बार पार्टी की आधिकारिक लाइन से अलग बयान देते हुए भी नजर आए थे, जिससे कांग्रेस के अंदरखाने में असहजता की चर्चाएं तेज हो गई थीं। हालांकि बीते कुछ दिनों से उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की नीतियों पर खुलकर हमला बोला है। ऐसे में CWC की बैठक में उनकी मौजूदगी को पार्टी के भीतर संवाद और एकजुटता की दिशा में अहम संकेत माना जा रहा है।
वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी
इस बैठक में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, वरिष्ठ नेता हरीश रावत, पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, सांसद राजीव शुक्ला और वरिष्ठ अधिवक्ता व सांसद अभिषेक मनु सिंहवी सहित कई बड़े नेता शामिल हुए। माना जा रहा है कि इस बैठक में संगठन को मजबूत करने, आगामी चुनावी रणनीति और केंद्र सरकार के खिलाफ राजनीतिक मुद्दों को धार देने पर मंथन किया गया।
DK शिवकुमार को नहीं मिला न्योता
इस बीच एक और बात चर्चा में रही कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को इस CWC बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया। इससे पहले डीके शिवकुमार ने खुद कहा था कि उन्हें जानकारी है कि दो-तीन मुख्यमंत्रियों को बैठक के लिए बुलाया गया है, लेकिन उपमुख्यमंत्रियों को आमंत्रित नहीं किया गया। उनके बयान के बाद पार्टी के भीतर बैठकों में आमंत्रण को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।