डिजिटल डेस्क- दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों को एक और बड़ा सुराग हाथ लगा है। सूत्रों के अनुसार, धमाके के मुख्य आरोपी डॉ. उमर नबी की लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट कार गलत पते पर रजिस्टर्ड कराई गई थी। यह पता उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके का बताया जा रहा है। इस खुलासे के बाद खुफिया एजेंसियों और दिल्ली पुलिस की टीमें सक्रिय हो गईं और इलाके में व्यापक छानबीन शुरू कर दी गई। सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि भारत सरकार ने इस घटना को आतंकी हमला घोषित कर दिया है, और इसकी जांच एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) और एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) को सौंप दी गई है।
सीलमपुर के फर्जी पते से जुड़ा उमर नबी का नेटवर्क
जांच के दौरान पता चला कि उमर नबी ने कार की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान सीलमपुर का नकली पता इस्तेमाल किया था। जब पुलिस टीम उस पते पर पहुंची तो वहां एक परिवार सालों से रह रहा पाया गया, जिसका उमर नबी या धमाके से कोई संबंध नहीं था। पड़ोसियों से पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली कि पिछले कुछ महीनों से इलाके में कई नए चेहरे आते-जाते देखे गए थे। एजेंसियों को शक है कि उमर नबी ने इस इलाके में फर्जी पहचान बनाकर कुछ समय के लिए ठिकाना बनाया था। खुफिया विभाग की जांच में यह भी सामने आया कि उमर नबी फरीदाबाद के धौज स्थित अल-फलाह मेडिकल कॉलेज से जुड़े दो छात्रों के संपर्क में था। दोनों छात्र सीलमपुर इलाके के निवासी हैं और धमाके के बाद से संदिग्ध गतिविधियों में देखे गए थे।
बुधवार सुबह फरीदाबाद पुलिस और एनआईए की संयुक्त टीम ने कॉलेज हॉस्टल से दोनों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। बाद में पुलिस ने पुष्टि की कि ये छात्र उमर नबी को व्यक्तिगत रूप से जानते थे और उसके साथ कुछ मेडिकल रिसर्च प्रोजेक्ट्स में शामिल थे।
फरीदाबाद से बरामद हुई संदिग्ध कार
धमाके के दो दिन बाद, बुधवार को दिल्ली पुलिस को अलर्ट मिला कि लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट कार फरीदाबाद में देखी गई है। तुरंत कार्रवाई करते हुए फरीदाबाद पुलिस ने इसे खांडावली गांव के पास एक सुनसान प्लॉट से बरामद किया। कार झुग्गियों के पास खड़ी थी और उसके आसपास जले हुए अवशेष व रासायनिक पदार्थ पाए गए। मौके पर दिल्ली पुलिस, एनएसजी और एनआईए की टीमें पहुंचीं और कार को सीज कर जांच के लिए भेजा गया। एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि कार की रजिस्ट्रेशन डिटेल, मोबाइल लोकेशन और बैंक रिकॉर्ड से उमर नबी के संपर्कों की पूरी चेन ट्रेस की जा रही है। सीलमपुर से लेकर फरीदाबाद और कश्मीर तक कई ठिकानों पर छापेमारी जारी है। जांच एजेंसियों को शक है कि उमर नबी ने कार को फर्जी पहचान के तहत खरीदा और इसे ब्लास्ट से पहले कई बार दिल्ली-फरीदाबाद रूट पर चलाया था। फिलहाल दोनों मेडिकल छात्रों से पूछताछ जारी है और एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क के “मास्टरमाइंड” तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।