KNEWS DESK – अगर आप क्यूआर कोड के जरिए डिजिटल पेमेंट लेते हैं, तो यह खबर आपको सतर्क कर सकती है. क्यूआर कोड से छेड़छाड़ कर ठगी करने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. राजस्थान के एक 19 वर्षीय युवक ने दुकानदारों के क्यूआर कोड में हेरफेर कर ग्राहकों से ली गई रकम अपने खाते में ट्रांसफर करा ली. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
जयपुर से दबोचा गया आरोपी
पुलिस के मुताबिक, आरोपी की पहचान मनीष वर्मा के रूप में हुई है, जिसे इंटर-स्टेट ऑपरेशन के तहत जयपुर से गिरफ्तार किया गया. इस मामले में दिल्ली के चांदनी चौक स्थित एक कपड़ों की दुकान से जुड़ी 1.40 लाख रुपये की धोखाधड़ी भी सामने आई है.
दरअसल, 13 दिसंबर को एक ग्राहक चांदनी चौक की दुकान से करीब ढाई लाख रुपये का लहंगा खरीदने पहुंचा था. ग्राहक ने भुगतान के लिए दुकान पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर 90 हजार और 50 हजार रुपये के दो यूपीआई ट्रांजैक्शन किए. लेकिन बाद में जांच में सामने आया कि यह रकम दुकान के आधिकारिक बैंक खाते में नहीं पहुंची.
ऐसे खुला क्यूआर कोड फ्रॉड का राज
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने ई-एफआईआर दर्ज कर यूपीआई ट्रांजैक्शन की तकनीकी जांच की. जांच में पता चला कि भुगतान की रकम राजस्थान से संचालित एक अन्य बैंक खाते में ट्रांसफर हो गई थी. डिजिटल फुटप्रिंट, बैंक रिकॉर्ड और मोबाइल डेटा के आधार पर पुलिस आरोपी तक पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी क्यूआर कोड में सीधे बदलाव नहीं करता था, बल्कि इमेज एडिटिंग ऐप्स के जरिए असली क्यूआर कोड जैसी दिखने वाली नकली इमेज तैयार करता था. इन नकली क्यूआर कोड्स को दुकानों पर असली की जगह लगा दिया जाता था, जिससे स्कैन करने पर पेमेंट सीधे आरोपी के खाते में चली जाती थी.
100 से ज्यादा मोबाइल फोन बरामद
पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. पुलिस ने उसके पास से 100 से ज्यादा मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनमें एडिटेड और ओरिजिनल क्यूआर कोड सेव थे. इसके अलावा चैट, स्क्रीनशॉट और फाइनेंशियल रिकॉर्ड भी जब्त किए गए हैं. बैंक खातों की जांच में ठगी की रकम आरोपी के खाते में जमा होने की पुष्टि हुई है.