दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास को लेकर सियासत फिर हुई तेज, पीडब्ल्यूडी ने मुख्यमंत्री आतिशी से वापस लिया बंगला

KNEWS DESK – दिल्ली में विधानसभा चुनावों के बीच मुख्यमंत्री आवास को लेकर सियासत एक बार फिर से गरमा गई है। हाल ही में, दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) ने मुख्यमंत्री आतिशी से 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगला वापस ले लिया है, जहां वे वर्तमान में रह रही थीं। यह वही बंगला है जिसमें पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी रहते थे।

शीश महल विवाद में घिरी दिल्ली सरकार

आपको बता दें कि 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित इस बंगले को लेकर पहले भी विवाद उठ चुका था। जब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने इस बंगले का रिनोवेशन करवाया था, जिसके बाद विपक्षी दलों ने इसे ‘शीश महल’ करार दिया था। बीजेपी समेत विपक्षी दलों ने इसके महंगे रिनोवेशन पर सवाल उठाए थे और दावा किया था कि इस पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए।

पीडब्ल्यूडी ने इस बंगले के आवंटन को रद्द कर दिया है, और बताया है कि बंगले की जांच चल रही है, जिसके कारण उसका आवंटन अब संभव नहीं हो सकता। पीडब्ल्यूडी ने मुख्यमंत्री आतिशी को दो अन्य बंगलों का विकल्प दिया है—एक बंगला राज निवास रोड स्थित बंगला नंबर 2 और दूसरा अंसारी रोड स्थित बंगला नंबर 115।

आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर किया पलटवार

मुख्यमंत्री आतिशी ने बंगला वापस लिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केंद्र सरकार उनका घर छीन सकती है, लेकिन उनका जज्बा नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी द्वारा उनके घर को लेकर झूठ फैलाए जा रहे हैं।

आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह तीसरी बार है जब मुख्यमंत्री आवास को वापस लिया गया है। उन्होंने कहा, “बीजेपी के झूठ को उजागर किया जाना चाहिए। ये लोग दिन-रात मुख्यमंत्री आवास के बारे में झूठ बोलते हैं।” संजय सिंह ने चुनौती दी कि बीजेपी मीडिया के साथ चलकर बंगले के रिनोवेशन पर हुए खर्च का सही हिसाब निकाले।

बीजेपी का आरोप: बंगले पर खर्च हुए 33 करोड़ रुपए

बीजेपी ने इस मुद्दे पर एक दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि 6 फ्लैग स्टाफ रोड बंगले के रिनोवेशन पर करीब 33 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि सीएजी (केंद्रीय लेखा नियंत्रक) की रिपोर्ट के अनुसार, रिनोवेशन की अनुमानित लागत 8 करोड़ रुपए थी, लेकिन वास्तविक खर्च कहीं अधिक था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस रिनोवेशन में महंगे-महंगे सामान का इस्तेमाल किया गया और कानूनी प्रक्रिया का पालन ठीक से नहीं किया गया।

बंगले के रिनोवेशन पर विपक्ष का हमला

बीजेपी ने इस रिनोवेशन को लेकर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया और इस बंगले में बिना उचित प्रक्रिया के महंगे सामान लगवाए। बीजेपी ने यह भी कहा कि इस खर्च को जनता के पैसे का गलत इस्तेमाल बताया।

मुख्यमंत्री आतिशी की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री आतिशी ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी की ये सभी बातें सिर्फ राजनीति हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब उनकी सरकार को ऐसे आरोपों का सामना करना पड़ा है और यह बीजेपी की ओर से की जाने वाली एक सस्ती सियासत है।

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