फरीदाबाद से पकड़ी गई डॉक्टर शाहीन पर बड़ा खुलासा, मसूद अजहर की बहन ने सौंपी थी जैश की महिला इकाई की जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क- दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण विस्फोट ने पूरे देश को हिला दिया है। इस धमाके में अब तक 12 लोगों की मौत और 20 से अधिक लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। जांच एजेंसियों ने इस हमले की कड़ियां हरियाणा के फरीदाबाद से जोड़ते हुए एक बड़ी गिरफ्तारी की है। पुलिस ने यहां से डॉक्टर शाहीना शाहिद नाम की महिला को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की महिला विंग जमात-उल-मोमिनात की भारत में प्रमुख बताई जा रही है। फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले एक प्रोफेसर ने एक टीवी चैनल से बातचीत में बताया कि शाहीना का व्यवहार हमेशा अजीब रहता था। वह अक्सर बिना किसी सूचना के कॉलेज से गायब हो जाती थी और कई बार उसके पास अजनबी लोग मिलने आते थे। प्रोफेसर ने कहा, “हमने कई बार देखा कि वह अचानक कॉलेज छोड़ देती थी। उसका व्यवहार सामान्य नहीं था। शिकायतें मैनेजमेंट तक भी गई थीं, लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि वह किसी आतंकी नेटवर्क से जुड़ी हो सकती है।” यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने कहा है कि वे NIA की जांच में पूरी तरह सहयोग करेंगे। जांच एजेंसी अब शाहीना के पिछले रिकॉर्ड, उसकी यात्राओं और डिजिटल ट्रेल की पड़ताल कर रही है।

महिलाओं को जिहाद की राह पर लाने का था जिम्मा

खुफिया एजेंसियों के अनुसार, शाहीना शाहिद को भारत में महिलाओं को कट्टरपंथ की ओर झुकाने और आतंक के लिए भर्ती करने की जिम्मेदारी दी गई थी। जमात-उल-मोमिनात विंग पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद की नई रणनीति का हिस्सा है। इस विंग की अगुवाई मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर कर रही है, जबकि उसका पति यूसुफ अजहर कंधार हाईजैक केस में मुख्य साजिशकर्ता रहा है। सूत्रों का कहना है कि शाहीना भारत में एक टेलीग्राम ग्रुप चलाती थी, जिसमें देशभर के डॉक्टर और छात्र शामिल थे। इन्हें कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़कर ऑनलाइन माध्यमों से जिहाद के लिए प्रेरित किया जाता था। एजेंसियों को संदेह है कि यह ग्रुप फंडिंग, प्रचार और मानसिक प्रशिक्षण जैसे मिशनों पर काम कर रहा था।

बड़ा नेटवर्क आने की संभावना

एनआईए और दिल्ली पुलिस अब इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या शाहीना के संपर्क में और लोग भी हैं जो दिल्ली ब्लास्ट या अन्य आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हों। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए भारत में इस मॉड्यूल को निर्देश दे रहे थे।