डिजिटल डेस्क- दिल्ली के लोकप्रिय शिक्षक और यूट्यूबर अवध ओझा ने राजनीति से पूरी तरह संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) की सदस्यता भी छोड़ दी है। इसी साल पटपड़गंज विधानसभा सीट से AAP के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले ओझा को भारी मतदान के बावजूद हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव के बाद से ही वह राजनीति से दूरी बनाए हुए थे और अब उन्होंने इसे अपना अंतिम निर्णय घोषित कर दिया। अवध ओझा ने एक पॉडकास्ट के दौरान बताया कि राजनीति से अलग होने के बाद वह खुद को पहले से ज्यादा खुश और स्वतंत्र महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब उनके भीतर मन की बात कहने की आज़ादी है, जो राजनीति में रहते हुए कई बार संभव नहीं होती। ओझा का कहना था कि चुनाव लड़ने का अनुभव उनके जीवन का अहम अध्याय रहा, लेकिन इसी अनुभव ने उन्हें यह भी महसूस कराया कि वे राजनीति के लिए बने ही नहीं थे।
बचपन से ही राजनीति में आने की थी तीव्र इच्छा
उन्होंने बताया कि बचपन से राजनीति में आने की तीव्र इच्छा थी। राजनीति करने की उत्कंठा और चुनाव लड़ने का सपना उन्होंने लंबे समय से देखा था। इसी चाहत के चलते उन्होंने पटपड़गंज से AAP के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया। चुनाव के दौरान उन्हें जनता का काफी समर्थन और सम्मान मिला, और वे दूसरे स्थान पर रहे। यह उपलब्धि उनके लिए गर्व का विषय रही, लेकिन चुनावी माहौल, राजनीतिक दबाव और जिम्मेदारियों को देखकर उन्होंने महसूस किया कि यह रास्ता उनके व्यक्तित्व और प्राथमिकताओं के अनुकूल नहीं है।
राजनीति से दूर रहना ही जीवन के लिए बेहतर- अवध ओझा
ओझा ने साफ कहा कि चुनावी प्रक्रिया ने उन्हें यह निर्णय लेने में मदद की कि राजनीति से दूर रहना ही उनके जीवन और करियर के लिए बेहतर है। उन्होंने कहा कि राजनीति में आने के बाद जिस प्रकार की परिस्थितियों और दबावों का सामना करना पड़ता है, वह उनके स्वभाव के अनुकूल नहीं था। इसी वजह से अब उन्होंने राजनीति को अलविदा कह दिया है। अवध ओझा ने यह भी कहा कि अब वह पूरी तरह शिक्षा के क्षेत्र में लौटेंगे और अपने छात्रों के लिए ज्यादा समय निकाल पाएंगे। उनका कहना है कि पढ़ाना उनकी असली पहचान है और इसी के माध्यम से वह समाज में योगदान देना चाहते हैं। राजनीति छोड़ने का फैसला उनके लिए राहत और संतुलन लेकर आया है।