KNEWS DESK, गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार राजधानी दिल्ली की झांकी को भी शामिल किया गया। शिक्षा की गुणवत्ता पर आधारित इस झांकी में दिल्ली के विभिन्न शिक्षण संस्थानों की झलक पेश की गई। खास बात यह रही कि शुरुआत में इसे स्थान नहीं मिला था, लेकिन अंतिम समय में इसे शामिल करते हुए कुल 26 झांकियों का हिस्सा बनाया गया।
दिल्ली की झांकी ने जीता दर्शकों का दिल
दिल्ली में 77 हजार दर्शकों की मौजूदगी में जब यह झांकी निकली, तो सबका मन मोह लिया। झांकी में दिल्ली के शिक्षा मॉडल और संस्थानों को रचनात्मक ढंग से प्रदर्शित किया गया। आम आदमी पार्टी के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले इस मुद्दे को उठाया था कि 2020 के बाद से दिल्ली की झांकी को परेड में शामिल नहीं किया गया। केंद्र ने इसे विशेषज्ञ समिति द्वारा खारिज करने का हवाला दिया था।
चुनाव से पहले शिक्षा मॉडल का प्रचार
दिल्ली की झांकी ऐसे समय में प्रदर्शित की गई, जब राजधानी में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी लंबे समय से अपने शिक्षा मॉडल को लेकर चर्चा में रही है, और इस झांकी में भी इसकी झलक देखने को मिली।
16 राज्यों और 10 मंत्रालयों की झांकियां बनी आकर्षण
दिल्ली के अलावा बिहार, चंडीगढ़, दादर नगर हवेली, दमन-दीव, गोवा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, गुजरात, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और हरियाणा की झांकियां भी परेड में नजर आईं। कुल 26 झांकियों में 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां थीं, जबकि 10 झांकियां विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की थीं।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति रहे मुख्य अतिथि
76वें गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। झांकियों के दौरान संबंधित प्रदेश के केंद्रीय मंत्री और नेता झांकी की सराहना करते हुए खड़े होकर हौसला बढ़ाते नजर आए।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किए गए थे। परेड के दौरान कई मार्गों को बंद किया गया, तो कई मार्गों का रूट बदल दिया गया।