दिल्लीः विधायकों की घटाई गई MLALAD के तहत मिलने वाली धनराशि, अब इतनी धनराशि में कराने होंगे विकास कार्य

दिल्ली- मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के विधायकों को विकास कार्यों के लिए मिलने वाली धनराशि (MLALAD) में 200 प्रतिशत की कमी करते हुए बड़ा फैसला लिया है। MLALAD के तहत विकास कार्यों के लिए प्रति विधानसभा में 15 करोड़ की बजाय अब सिर्फ 5 करोड़ रूपये ही आवंटित किये जाएंगे। विधायकों को अब इतनी ही धनराशि में जनता से जुड़े विकास कार्यों को कराना होगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के इस कदम ने दिल्ली की सियासत में नया विवाद खड़ा कर दिया है।

अनटाइड फंड के तहत मिलेगी धनराशि

दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के आदेश के अनुसार MLALAD योजना के तहत निधियों का आवंटन वित्तीय वर्ष 2025-26 से प्रति विधानसभा क्षेत्र प्रति वर्ष ₹5 करोड़ रखा गया है। नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह एक अनटाइड फंड होगा, जिसे पूंजीगत प्रकृति के स्वीकृत कार्यों के साथ-साथ बिना किसी सीमा के परिसंपत्तियों की मरम्मत और रखरखाव के लिए खर्च किया जा सकता है।

क्या होता है MLALAD ?

MLALAD का पूरा नाम है Member of Legislative Assembly Local Area Development Scheme (विधानसभा क्षेत्र स्थानीय क्षेत्र विकास योजना)। यह एक सरकारी योजना है जिसके तहत प्रत्येक विधायक (MLA) को अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए सालाना एक निश्चित राशि दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य विधायक को यह अवसर देना है कि वह अपने क्षेत्र की ज़रूरतों के अनुसार छोटे स्तर पर विकास कार्य करा सके। हर राज्य में यह राशि अलग-अलग हो सकती है। कुछ राज्यों में यह ₹2 करोड़ होती है, तो कुछ में ₹4 करोड़ तक। इसके तहत मिलने वाली धनराशि से विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण या मरम्मत, स्ट्रीट लाइट लगवाना, सामुदायिक भवन, स्कूलों/अस्पतालों में सुविधाओं का सुधार, पानी की टंकी या पाइपलाइन, शौचालय, नाली आदि जैसे बुनियादी ढांचे आदि कार्य करवा सकते हैं।

किस राज्य में कितना मिलता है MLALAD ?

दिल्ली                        ₹5 करोड़

उत्तर प्रदेश                 ₹5 करोड़

महाराष्ट्र                      ₹5 करोड़

राजस्थान                   ₹5 करोड़

गुजरात                       ₹1.5 करोड़

कर्नाटक                     ₹2 करोड़

आंध्र प्रदेश                   ₹2 करोड़

ओडिशा                     ₹3 करोड़

त्रिपुरा                        ₹35 लाख

अरुणाचल प्रदेश        ₹55 लाख