डिजिटल डेस्क- दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में विगत 12 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे आंदोलनरत छात्रों ने विजिट पर आये उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का काफिला रोकने की कोशिश की। साथ ही उपराष्ट्रपति के सामने अपनी मांगों और शिकायतों को लेकर नारेबाजी की। छात्रों की इस हरकतों के बाद यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार ने गुरुवार को इस घटना को लेकर एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सभी छात्रों के शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का सम्मान करता है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने इस तरह के विघटनकारी व्यवहार की निंदा भी की।
सिक्योरिटी ब्रांच से मांगी विस्तृत रिपोर्ट
छात्रों द्वारा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का काफिला रोकने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आ गया है। जहां विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों की इस हरकत की निंदा की हैं वहीं विश्वविद्यालय के रवैये से छात्रों और विवि प्रशासन में तनाव की स्थिति पैदा हो गई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस घटना को लेकर सिक्योरिटी ब्रांच से विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है, जिससे पूरी घटना की सही जानकारी हासिल हो सके।
स्कॉलरशिप, एडमिशन समेत कई मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर हैं छात्र
आज इस भूख हड़ताल का 12वां दिन है, और छात्रों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है. छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अड़े हुए हुए हैं। इन मांगों में पीएचडी की चार सालों की पढ़ाई के बाद रिसर्च के लिए भी हॉस्टल एलाट किए जाने की मांग शामिल है। वर्तमान में छात्रों का चार वर्षीय पीएचडी कोर्स खत्म होते ही हॉस्टल खाली करवा लिया जाता है और छात्र रिसर्च के लिए भटकते रहते हैं। एडमिशन संबंधी मांग को लेकर छात्रों का कहना है कि पीएचडी में एडमिशन निजी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ही लिया जाना चाहिए। जबकि वर्तमान में पीएचडी के छात्रों का एडमिशन यूजीसी नेट के माध्यम से होता है। छात्रों की अन्य मांगों में छात्रों की एक मांग ये है कि छात्रावास के लिए उन्हें जो ज्ञापन साइन करने के लिए दिया गया है, उसे कैंसिल किया जाए। इस ज्ञापन में यह भी लिखा है कि स्टूडेंट्स किसी भी तरह का प्रोटेस्ट नहीं कर सकते हैं। अगर वे ऐसा करते हैं तो उन्हें अच्छा-खासा फाइन देना पड़ेगा।